यूपी के मंगेश यादव एनकाउंटर मामले में सुल्तानपुर के एसपी और एसटीएफ प्रभारी समेत एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ जौनपुर कोर्ट में एक वाद दर्ज कराया है। मृतक की मां शीला देवी की ओर से कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इसमें शीला देवी ने बेटे के फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि 2 सितंबर की रात कुछ पुलिसकर्मी घर आए थे। तब मंगेश घर में सो रहा था। पुलिसकर्मी मंगेश का जगा कर अपने साथ ले गए। बाद में उसके एनकाउंटर में मारे जाने की खबर सामने आई। कोर्ट ने इस मामले में बख्शा थानाध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी है।
क्या है पूरा मामला?
28 अगस्त को सुल्तानपुर में एक ज्वैलर्स से लूट के आरोपी मंगेश यादव का नाम सामने आया था। शोरूम में दिनदहाड़े डकैती को अंजाम दिया गया और करीब 1.35 करोड़ रुपये के जेवरात लेकर बदमाश फरार हो गए। इस मामले को लेकर व्यापारियों में काफी रोष था। इस मामले में 5 सितंबर को मंगेश यादव का एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया। उसके एनकाउंटर पर जमकर बवाल हुआ था। एनकाउंटर करने वाली एसआईटी पर भी कई सवाल उठे थे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मामले की निष्पक्ष जांच और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की।
कोर्ट से क्या की गई मांग
मंगेश यादव जौनपुर के बक्शा थानाक्षेत्र के अगरौरा का रहने वाला था। मां शीला देवी की ओर से कोर्ट में दी गई याचिका में कहा गया है कि सुल्तानपुर के एसपी, एसटीएफ प्रभारी डीके शाही और उनकी टीम, तत्कालीन थानाध्यक्ष देहात कोतवाली सुल्तानपुर और उनकी टीम के साथ ही जौनपुर के बक्शा थाने की पुलिस टीम समेत कई अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों ने उनके बेटे की षड्यंत कर हत्या कर दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंगेश को घर से ले जाने के दो दिन बाद पुलिसकर्मी फिर घर आए और वीडियो में उनसे जबर्दस्ती कहलवाया कि मंगेश दो तीन महीने से घर नहीं आया है। इसके बाद 5 सितंबर को उन्हें खबर मिली कि पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया है। शीला देवी ने कहा कि पुलिस ने आज तक मंगेश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं थी।