जम्मू-कश्मीर में छुट्टियां मनाने गए एक जज ने अपनी आपबीती बयां की है। जज ने बतलाया कि पत्थरबाजों ने उनकी गाड़ी को भी निशाना बनाया और उनपर पत्थर बरसाए। जज ने बतलाया है कि बड़ी मुश्किल से इस पत्थरबाजी में उनकी जान बची। बेंगलुरु की फैमिली कोर्ट के जिला जज भारती बीएस ने कश्मीर में अपनी कार पर पत्थरबाजी की घटना की पूरी दास्तान बताते हुए कहा कि बीते 7 मई को नरबल और 8 मई को गुलमर्ग में उनकी गाड़ी पर पत्थर फेंके गए। जज भारती बीएस ने बतलाया कि वो छुट्टियां मनाने जम्मू-कश्मीर गए हुए थे तभी पत्थरबाजों ने उनकी गाड़ी को निशाना बनाया। जज भारती बीएस ने आगे कहा है कि ड्राइवर की सुझबूझ से हम किसी तरह वहां से निकल पाने में कामयाब हो पाए और हमलोगों की जान बच पाई।
7 मई को गई थी एक पर्यटक की जान: 7 मई को ही जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी में चेन्नई के एक पर्यटक धिरुमनी गुलमर्ग की जान चली गई थी। थिरुमनी गुलमर्ग श्रीनगर के बाहरी हिस्सों में पत्थरबाजी का शिकार हो गए थे। पत्थरबाजों ने थिरुमनी की गाड़ी को निशाना बनाकर पत्थर बरसाए थे। इस हमले में पत्थऱ लगने से थिरुमनी जख्मी हो गए और फिर अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। थिरुमनी भी अपने परिवार के साथ धरती के ‘जन्नत’ की सैर करने गए हुए थे।
जम्मू-कश्मीर में पर्यटक की मौत पर राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उस वक्त गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा था कि उनका सिर शर्म से झुक गया है। महबूबा मुफ्ती थिरुमनी से मिलने अस्पताल भी गई थीं, लेकिन उनके पहुंचने से पहले थिरुमनी ने दम तोड़ दिया था। इस घटना पर राज्य के पूर्व सीएम उमर अबदुल्ला ने भी अफसोस जाहिर किया था और कहा था कि हमने अपने मेहमान की हत्या करा दी है। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी एक बड़ी समस्या है। सेना और पुलिस के जवान समय-समय पर पत्थरबाजों के खिलाफ कार्रवाई तो करते हैं लेकिन पत्थर बरसाने वाले यह शैतान अपनी करतूतों से बाज नहीं आते। कुछ दिनों पहले नकाबपोश पत्थरबाजों ने स्कूल बच्चों के बस पर भी रोड़े बरसाए थे, जिसमें कुछ छात्र जख्मी हो गए थे।
