यूपी में मथुरा जेल से रिहा हुए गोरखपुर के डॉक्टर और एक्टिविस्ट कफील खान के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें चल रही हैं। हालांकि उनके पार्टी में शामिल होने की अटकलों पर पार्टी नेताओं ने अभी चुप्पी साध रखी है। द इंडियन एक्सप्रेस में दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के एक कॉलम में लिखा गया कि कांग्रेस के दो नेताओं ने कहा कि कफील खान के पार्टी में शामिल होने इनकार नहीं किया जा सकता।
इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (एनएसए) के तहत कफील खान की हिरासत को रद्द करने के बाद उन्हें हाल के दिनों में मथुरा जेल से रिहा किया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ वो कांग्रेस शासित राजस्थान चले गए। डॉक्टर खान की रिहाई के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उनसे बात भी की थी।
कफील खान ने कहा कि प्रियंका गांधी ने उन्हें राजस्थान आने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि हम आपको सुरक्षित जगह देंगे। बकौल कफील खान यूपी में जिंदगी का खतरा है, इसलिए यूपी से थोड़ा दूर रहूंगा। मथुरा राजस्थान बॉर्डर से लगा हुआ है। इसीलिए वहां से भरतपुर आ गया। यहां कांग्रेस की सरकार है, इसलिए हम यहां सुरक्षित रह सकते हैं। पिछले साढ़े सात महीने मेरा मेंटल हरेसमेंट हुआ है।
जेल से रिहा होने के बाद डॉक्टर खान ने बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत हुई तो मैंने व्यवस्था में कमियों का खुलासा करने की कोशिश की। प्रदेश के सीएम को ये पसंद नहीं आया और मेरे खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कर जेल में डाल दिया गया। उन्होंने कहा, ‘योगी सरकार ने मुझे फंसा दिया।’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखूंगा कि एक डॉक्टर के रूप में मेरी सेवाएं बहाल की जाएं। अगर मुझे इसकी अनुमति नहीं मिलती है तो मैं एक कार्यकर्ता के रूप में असम के बाढ़ प्रभावित इलाकों में चिकित्सा शिविर लगाउंगा।

