दूसरे के घर में काम करके जीवन यापन करने वाली महिला की बेटी ने देश का नाम रोशन किया है। बता दें कि गोवा की सबिता यादव ने स्पेशल ओलिंपिक वर्ल्ड गेम्स में गोल्ड जीता है। सबिता ने यह गोल्ड टेबल टेनिस के एकल में जीता वहीं डबल्स में उन्होंनें देश को सिल्वर जिताया।
मां को नहीं दी खबर: सबिता बताती हैं कि गोल्ड जीतने के बाद से वह इतनी व्यस्त हैं कि वो ये खुशखबरी अपनी मां तक को नहीं दे पाईं। ऐसे में अब उन्होंने फैसला किया है कि वह इसे बतौर सरप्राइज घर पहुंचकर अपनी मां को बताएंगी। परिवार के बारे में सबिता ने बताया कि उनके पिता का देहांत हो चुका है जबकि मां दूसरों के घरों में झाड़ू-पोछा करने का काम करती हैं।
ठीक से नहीं बोल पातीं सबिता: बता दें कि सबिता को बौद्धिक विकलांगता के साथ- साथ ठीक से बोलने में भी परेशानी होती है। लेकिन अपने परिवार के लिए वो कुछ करना चाहती हैं। इस जुनून ने ही न सिर्फ उनकी मां का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है।
स्पेशल स्कूल से की पढ़ाई: 17 वर्षीय सबिता ने एक स्पेशल स्कूल से पढ़ाई की है जहां वोकेशनल ट्रेनिंग दी जाती है। इसके साथ ही स्कूल में सिलाई और कुकिंग भी सिखाई जाती है। ऐसे में शुरू से ही सबिता की रुचि टेबल टेनिस में थी। लेकिन 2015 से पहले तक वो बैडमिंटन खेलती थीं।
टीटी कोच शीतल नेगी का क्या है कहना: टीटी कोच शीतल नेगी का कहना है कि सबिता की मेहनत और लगन से उसका सपना पूरा हुआ है। इसके साथ ही शीतल ने कहा- मैं सबिता को 2 साल से जानती हूं, उनका कॉन्फिडेंस कमाल का है।