यूपी के सोनभद्र जिले के ओबरा थाना क्षेत्र स्थित बिल्ली–मारकुंडी खनन इलाके में शनिवार को हुए खदान हादसे में अब तक एक शव मिलने की पुष्टि हुई है। हादसा उस समय हुआ जब ‘कृष्णा माइंस’ नामक पत्थर खदान का एक बड़ा हिस्सा अचानक भरभराकर गिर पड़ा। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के चलते जिले में खनन गतिविधियों पर रोक थी, लेकिन इसके बावजूद खदान में अवैध रूप से काम जारी था। इसी दौरान भारी चट्टान टूटकर मजदूरों पर गिर गई और पूरा क्षेत्र मलबे में बदल गया, जिससे घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई।
प्रारंभिक सूचना के अनुसार करीब 15 मजदूरों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। बचाव दल ने अब तक एक मजदूर का शव बाहर निकाला है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। घायलों और फंसे हुए मजदूरों की वास्तविक संख्या अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है, क्योंकि कई लोग गहरे मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। घटना के बाद बड़ी संख्या में लोग मौके पर जुट गए, जिससे रेस्क्यू टीमों को प्रारंभिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
जनवरी में असम में भी हुआ था ऐसा ही हादसा
जिलाधिकारी बी.एन. सिंह ने बताया कि खदान के एक हिस्से के टूटकर गिरने से यह दुर्घटना हुई। उन्होंने पुष्टि की कि प्रशासनिक रोक के बावजूद खदान में अवैध खनन गतिविधियां जारी थीं और इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और यह भी जांच की जाएगी कि प्रतिबंध के दौरान खदान कैसे संचालित हो रही थी। घटना के बाद पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया है और वरिष्ठ अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
इसी बीच उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री और ओबरा विधायक संजीव कुमार गोंड भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि मलबे में अब भी करीब एक दर्जन मजदूर दबे हो सकते हैं और प्रशासन पूरी ताकत से राहत अभियान चला रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है और यह भी कहा कि “खदान किस स्थिति में संचालित हो रही थी, इसकी विस्तृत जांच कराई जाएगी। जो भी जिम्मेदार होगा, उसे किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”
राहत और बचाव कार्य तेज गति से जारी है। मिर्जापुर से आई NDRF और SDRF की टीमें मशीनों की मदद से मलबा हटाने में लगी हैं, जबकि अल्ट्राटेक कंपनी, दुसान कंपनी और ओबरा पावर कंपनी भी अपने संसाधनों के साथ सहयोग कर रही हैं। खदान के भीतर तक पहुंचने में कठिनाई के चलते रेस्क्यू में समय लग रहा है, लेकिन टीमों का प्रयास है कि जल्द से जल्द सभी मजदूरों तक पहुँचा जाए। अधिकारियों ने स्थिति को गंभीर बताया है और लोगों से अपील की है कि मौके पर भीड़ न लगाएं, ताकि बचाव कार्य में बाधा न आए। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि प्राथमिकता बचाव कार्य है और जांच पूरी होने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
