इस बार के लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी को बड़ा झटका देने का काम किया। पार्टी ने तो उम्मीद की थी कि 80 की 80 सीट जीत जाएंगे लेकिन आंकड़ा 33 सीटों पर सिमट गया। उस निराशाजनक प्रदर्शन के बाद से ही यूपी की राजनीति उबाल मार रही है। इस समय उत्तर प्रदेश में योगी बनाम केशव प्रसाद मौर्य की सियासी लड़ाई भी शुरू हो चुकी है। राज्य मंत्री सोनम किन्नर ने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है और संगठन को मजबूत करने की कसम खाई है।
अब सोनम किन्नर का इस्तीफा देना मायने रखता है। असल में उत्तर प्रदेश सरकार ने सोनम किन्नर को उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया था। वैसे तो वे अजमेर से संबंध रखती हैं लेकिन पिछले कई सालों से यूपी के सुल्तानपुर में वे सक्रिय हैं। सोनम इस समय सुल्तानपुर की ही किन्नर आश्रम की पीठाधीश्वर है। राजनीति के अलावा किन्नर समाज को बराबरी का हक मिले, इसके लिए उनके द्वारा कई अभियान चलाए गए हैं। इस समय भी कई सामाजिक कार्यों के साथ वे जुड़ी हुई हैं। लगातार अपनी आवाज बुलंद करती रहती हैं। बड़ी बात यह है कि बीजेपी में आने से पहले समाजवादी पार्टी के साथ भी सोनम किन्नर ने एक लंबा सफर तय किया है।
वैसे जो बातें बोलकर सोनम किन्नर ने इस्तीफा देने की पेशकश की है, वो ज्यादा मायने रखती हैं। असल में सोनम किन्नर के मुताबिक यूपी चुनाव में हार के बाद से ही पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। लेकिन किसी ने भी उस हार की जिम्मेदारी नहीं ली।
इसी वजह से इस्तीफे की पेशकश कर उन्होंने खुद सबसे पहले उस हार की जिम्मेदारी ली है। सोनम किन्नर ने कहा है कि उनके लिए भी सरकार से बड़ा संगठन है और वे संगठन को अब मजबूत करने का काम करेंगी।