Mumbai CST bridge collapse: मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन के पास फुटओवर ब्रिज गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई जबकि 31 लोग घायल हो गए। इस हादसे को लेकर जो बड़ी बात सामने आ रही है वो ये कि इस पुल को करीब 6 महीने पहले ही ऑडिट रिपोर्ट में ‘फिट फॉर यूज’ बताया गया था। उसके बाद भी ऐसा हादसा होना लापरवाही को दिखाता है।
314 पुलों का हुआ था ऑडिट: इस हादसे ने ऑडिट की क्वालिटी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बता दें कि दो साल पहले नगर पालिका ने कॉन्ट्रेक्टर्स नियुक्त कर मुंबई के 314 ब्रिज, सबवे और स्काइवॉक्स का ऑडिट करवाया था। बीएमसी कमिश्नर अजोय मेहता का कहना है- मैंने स्ट्रक्चरल ऑडिट से जुड़े दस्तावेजों की कस्टडी मांगी है। एक बार जब मैं इनको देख लूंगा तो कार्रवाई का आगे का निर्णय लिया जाएगा … वहीं लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कितना पुराना है ब्रिज: अधिकारियों के मुताबिक यह फुट ओवर ब्रिज करीब 35 साल पुराना है और आखिरी बार 2010-11 में रिपेयर किया गया था। वहीं 2016 में स्वच्छ भारत अभियान के तहत पुल के उत्तरी हिस्से को सजाया गया था लेकिन रिपेयर नहीं किया गया था। उस वक्त पुल के टाइल्स और पेंट का काम किया गया था।
50 ब्रिज के रिपेयरिंग के लिए 65 करोड़ का खर्चा: बता दें कि जनवरी 2019 में बीएमसी ने 50 ब्रिज, फ्लाइओवर्स, फुट ओवर ब्रिज और स्काइवाक्स के लिए 65 करोड़ रुपए खर्च किए थे। वहीं अधिकारी का कहना है कि ऑडिट में सीएसटी के पास के फुट ओवर ब्रिज को फिट बताया गया था। वहीं कुछ छोटे-मोटे रिपेयर्स की बात कही गई थी। बता दें कि ऑडिट में 14 पुलों को तोड़ने और पुनर्निर्माण की बात कही गई थी। जिसमें 5 फुट ओवर ब्रिज शामिल है। वहीं 47 ब्रिज और फुट ओवर ब्रिज के मेजर रिपेयरिंग और 176 की छोटी मोटी रिपेरिंग की बात कही गई थी। वहीं 77 पुलों को सही हालात में बताया गया था।
कसाब ब्रिज के नाम से फेमस था फुट ओवर ब्रिज: बता दें कि ये ब्रिज एक बार पहले भी 26/11 को हुए आतंकी हमले के वक्त सुर्खियों में रह चुका है। उस समय इस ब्रिज का इस्तेमाल आतंकी अजमल आमिर कसाब और इस्माल खान ने किया था। हमले के बाद से कई लोग इसे कसाब ब्रिज भी कहने लगे थे। 26 नवंबर 2008 को इसी ब्रिज से होते हुए दोनों आतंकी सीएटी के पैसेंजर हॉल में पहुंचे थे और वहां पर अंधाधुन फायरिंग की थी। वहीं उन्होंने भीड़ पर ग्रेनेड भी फेंके थे। गौरतलब है कि इस ब्रिज पर अजमल कसाब की फोटो मुंबई के पत्रकार सेबेस्टियन डिसूजा ने क्लिक की थी जो बाद में सजा दिलाने में मददगार साबित हुई थी।
(इनपुट्स जनसत्ता ऑनलाइन)