पवन गौतम
एक महिला अपने बीमार पति को चारपाई पर लादकर जिलाधिकारी के कार्यालय पहुंची। उसके साथ उसकी वह बेटी भी थी जिसकी शादी सितंबर में होनी है। यह परिवार बेहद आर्थिक तंगी के कारण पट्टे की जमीन को बेचने की गुहार लगा रहा था। अनुसूचित जाति के इस परिवार की गुहार स्वीकार करने पर यह भूमिहीन हो जाता। लिहाजा जिलाधिकारी की पहल पर परिवार के बीमार मुखिया का जिला अस्पताल में इलाज शुरू हो गया है। बेटी की शादी की मदद के लिए भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
मेहनत-मजदूरी कर घर की रोजीरोटी का जुगाड़ करने वाले परिवार का मुखिया ओमप्रकाश काफी समय से बीमार चल रहा है। परिजनों को शक है कि घर के मुखिया को तपेदिक (टीबी) की बीमारी है। आर्थिक तंगी के कारण घर के मुखिया के इलाज को बंदोबस्त नहीं हो पा रहा था। उसकी बेटी की शादी सितंबर में होनी है। अब जब कमाने वाला ही चारपाई पर पड़ा है तो शादी के लिए पैसे का इंतजाम कैसे होगा। पूरी जिम्मेदारी अनपढ़ महिला के कंधों पर आ गई है। जब उसे कुछ नहीं सूझा तो वह गुरुवार को बीमार पति को चारपाई पर लिटाकर जिलाधिकारी आफिस जा पहुंची। साथ में उसकी बेटी भी थी जिसके हाथ सितंबर में पीले होने हैं। परिवार ने जिलाधिकारी से गुहार की कि उसे पट्टे पर मिली जमीन को बेचने की अनुमति दी जाए। पीड़ित परिवार फरह थाना क्षेत्र के गांव भदेरूआ का है।
पीड़ित ओमप्रकाश ने कलेक्ट्रेट पर पट्टे पर मिली भूमि को बेचने के लिए ज्ञापन दिया। इस अनुसूचित जाति के परिवार को तकरीबन 20 साल पहले तकरीबन एक-दो बीघा जमीन पट्टे पर दी गई थी और यह पट्टा 45 साल के लिए दिया गया था। जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्रा ने बताया कि पीड़ित को अगर जमीन बेचने का आदेश दिया जाता है तो पीड़ित भूमिहीन हो जाएगा। जिलाधिकारी के पहल पर गुरुवार को ही घर के मुखिया का जिला अस्पताल में इलाज शुरू हो गया है। खबर लिखे जाने तक जिला अस्पताल में यह जांच की जा रही थी कि मरीज को बीमारी टीबी है या नहीं। जिला प्रशासन ने लड़की की शादी के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद के लिए गुरुवार को ही आवेदन कर दिया है। जिला प्रशासन की पहल के कारण आगे कुआं और पीछे खाई के संकट में घिरे परिवार को बेहतरी की आस जगी है।
