जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अमेरिका को परस्पर विधि सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत एक अनुरोध-पत्र भेजकर पत्रकार शुजात बुखारी के फेसबुक और ट्विटर अकाउंट के डेटा को सहेज कर रखने की गुजारिश की है। एमएलएटी के तहत भेजे गए अनुरोध-पत्र के बाद एक लेटर्स रोगेटरी (न्यायिक अनुरोध-पत्र) भेजा जाएगा ताकि वह डेटा हासिल किया जा सके। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने पिछले महीने शुजात की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अधिकारियों ने बताया कि एमएलएटी के तहत अनुरोध केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा गया है। गृह मंत्रालय इसे जल्द ही विदेश मंत्रालय के विधि एवं संधि विभाग के जरिए अमेरिका को भेजेगा।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हमारा मानना है कि उन्हें (शुजात को) सोशल नेटर्विकंग साइटों पर पाकिस्तान से धमकी भरे संदेश भेजे गए थे इनसे पुलिस को पत्रकार की हत्या के सभी साजिशकर्ताओं पर कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।’’ ऐसा पहली बार हो रहा है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस व्यवस्थित और वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य जुटाने की कोशिश कर रही है।
अधिकारियों ने बताया कि फेसबुक, ट्विटर और ई-मेल सेवा संचालित करने वाली कंपनी गूगल के मुख्यालय अमेरिका में हैं। डेटा को सहेज कर रखने और फिर उसे जम्मू-कश्मीर पुलिस को सौंपने से इस मामले में और सुराग मिलेंगे। भारत और अमेरिका के बीच 2005 से ही परस्पर विधि सहायता संधि है, जिससे दोनों देश कानून लागू कराने के अपने साझा मकसद में इसका लाभ उठाते हैं। इससे एक ऐसा कानूनी तंत्र कायम किया गया है जिसके जरिए दोनों देश आतंकवाद, मादक पदार्थ, तस्करी, आर्थिक एवं संगठित अपराध सहित हर तरह के अपराधों की जांच, अभियोजन, रोकथाम और लगाम लगाने को लेकर एक-दूसरे की सहायता करते हैं।
संधि में लोगों के बयान लेना, दस्तावेज, रिकॉर्ड और साक्ष्य से जुड़ी चीजें मुहैया कराना, लोगों या वस्तुओं की पहचान करना और उनका पता लगाना आदि शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में ट्रायल शुरू होने के बाद एक ‘लेटर्स रोगेटरी’ भेजा जाएगा ताकि साक्ष्य के तौर पर डेटा हासिल किया जा सके। बीते 14 जून को स्थानीय अंग्रेजी अखबार ‘राइंिजग कश्मीर’ के प्रधान संपादक शुजात बुखारी की यहां उनके दफ्तर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह घटना उस वक्त हुई थी जब शुजात रमजान के महीने में अपना रोजा तोड़ने जा रहे थे।
पुलिस ने शुजात पर हुए हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने नवीद जट, आजाद अहमद मलिक और मुजफ्फर अहमद भट की पहचान शुजात के हत्यारों के तौर पर की है। नवीद पाकिस्तानी नागरिक है जो इस साल फरवरी में हिरासत से फरार हुआ था। आजाद और मुजफ्फर लश्कर के सदस्य हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मूल रूप से कश्मीर के रहने वाले और अब पाकिस्तान में बस चुके सज्जाद गुल को शुजात की हत्या का साजिशकर्ता बताया है। सज्जाद अपने ब्लॉग के जरिए शुजात पर हमले बोलता रहा था और माना जाता है कि उसने पहले भी उन्हें धमकी दी थी।