साल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव ने कमर कस ली है। शुक्रवार को प्रसपा की कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव पारित किए गए। इस बैठक का मुख्य मुद्दा था कि 2024 में जो भी सरकार बने प्रसपा कैसे उसका हिस्सा रहे।

इस बैठक में कार्यकारिणी के सभी सदस्य और सभी फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष मौजूद रहे। पार्टी के राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया कि समावेशी राष्ट्रवाद और रामराज्य को लेकर पार्टी आगे काम करेगी। बैठक में इस बात पर जोर रहा कि 2024 में जो भी सरकार बने प्रसपा उसका हिस्सा रहे। इसके लिए पार्टी को किस-किस तरह से तैयारियां करनी हैं उसकी पूरी चर्चा हुई।

इसके अलावा, बैठक में निकाय चुनावों को लेकर भी चर्चा हुई। शिवपाल यादव निकाय चुनाव में कुछ प्रमुख जिलों में प्रत्याशी उतारने की तैयारी में हैं। इनमें उन पदाधिकारियों को जगह दी जाएगी जिन जिलों में वह प्रमुखता से चुनाव लड़ना चाहते हैं।

बैठक में मौजूद अलग-अलग जिलों के पार्टी सदस्यों से कहा गया कि उनके यहां अगर नगर निगम, नगर पालिका या नगर पंचायत है तो वह संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट बनाकर पार्टी कार्यालय को दें, ताकि उम्मीदवारों का चयन किया जा सके। प्रसपा के आर्थिक प्रस्ताव में कहा गया कि आज देश में अमीर और अमीर हो रहा है और गरीब और गरीब हो रहा है, इस खाई को पाटने के लिए पार्टी आगे रणनीति बनाएगी।

इससे कुछ दिन पहले ही शिवपाल यादव ने घोषणा की थी कि भविष्य में समाजवादी पार्टी के साथ वह कोई गठबंधन नहीं करेंगे और 2024 का चुनाव लड़कर वह सत्ता में आएंगे। उन्होंने कहा था, “हमारी तैयारी है कि 2024 में सत्ता में रहना है। मुझे तीन बार समाजवादी पार्टी से धोखा मिल चुका है। अब हमारे सभी कार्यकर्ताओं ने तय किया है कि समाजवादी पार्टी में नहीं जाना है। गठबंधन के लिए चुनाव दूर है, जो होगा चुनाव से 6 महीने पहले होगा।”