उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में हाईवे चौड़े करने का काम करवा रही है। इसी के तहत मेरठ-मुजफ्फरनगर हाईवे को भी चौड़ा किया जाना था, लेकिन रास्ते में बहुत से धार्मिक स्थल इस काम के बीच में रोड़ा बन रहे थे। मेरठ के खड़ौली स्थित शाह ए इलाही मस्जिद सबसे बड़ी दिक्कत थी, लेकिन अब इस समस्या का समाधान भी निकल गया है। मस्जिद प्रबंध समिति धार्मिक स्थल को शिफ्ट करने के लिए तैयार हो गई है और समिति द्वारा इस मस्जिद को तोड़ने का काम भी शुरू कर दिया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक प्रबंधकों ने स्वयं मस्जिद को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मस्जिद हटने के बाद हाईवे निर्माण के कार्य में तेजी आ जाएगी। प्रबंध समिति ने मंगलवार को मस्जिद के अंदरूनी हिस्से और बाहरी दीवार को तोड़ने का काम शुरू कर दिया। मेरठ-मुजफ्फरनगर को चौड़ा करने का काम पिछले कई समय से चल रहा था, लेकिन धार्मिक स्थलों के कारण यह काम अटका हुआ था।

शासन ने इस मामले में जब जिला प्रशासन को फटकार लगाई तब धार्मिक स्थलों को हटाने का काम शुरू किया गया। खंड़ौली की मस्जिद को हटाने के लिए कई बार प्रशासन की टीम वहां गई भी, लेकिन विरोध के कारण ऐसा नहीं हो पाया, जिसके बाद मुआवजा देने की बात कही गई। प्रशासन ने मस्जिद प्रबंध को 12 लाख, 80 हजार और 600 रुपए का मुआवजा देने की बात कही और तुरंत चैक भी दिया, जिसके बाद प्रबंध ने इसे हटाने का काम शुरू कर दिया। आपको बता दें कि इससे पहले मुजफ्फरपुर में भी जिला प्रशासन द्वारा मुआवजा दिए जाने के बाद मस्जिद को हटा दिया गया था।