अयोध्या मामले पर ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के संस्थापक श्री श्री रविशंकर द्वारा दिए गए बयान पर अब शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी ने जवाब दिया है। उनका कहना है कि भारत में सीरिया जैसी स्थिति पैदा नहीं हो सकती, क्योंकि यहां के हिंदू और मुसलमान दोनों ही धर्मनिरपेक्ष हैं। दरअसल, रविशंकर ने कहा था कि अगर अयोध्या में राम मंदिर से जुड़ा मामला जल्द नहीं सुलझाया जाएगा तो यहां सीरिया जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी। इस पर रिजवी ने जवाब दिया, ‘सीरिया जैसी स्थिति यहां पैदा नहीं हो सकती। यहां पर बहुत धर्मनिरपेक्ष मुसलमान और हिंदू रहते हैं। यहां हिंदू और मुसलमानों के बीच थोड़ी दरारें हैं, लेकिन अगर ये मामले जल्द नहीं सुधरे तो ये दरारें खाई भी बन सकती हैं।’
रविशंकर ने ‘आज तक’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि अयोध्या मामले पर कोर्ट से जो ऑर्डर आएगा उस पर दोनों पक्षों का राजी होना असंभव सा लग रहा है। उन्होंने कहा, ‘मुसलमानों को अयोध्या पर से अपना दावा छोड़ देना चाहिए, क्योंकि अयोध्या मुसलमानों के आस्था की जगह नहीं प्रतीत होती।’ 61 वर्षीय रविशंकर ने कहा कि इस्लाम विवादित जगह पर उपासना करने की इजाजत नहीं देता है। उन्होंने कहा, ‘भगवान राम किसी अन्य स्थान पर जन्म नहीं ले सकते।’ इसके अलावा उन्होंने जनता द्वारा विवादित जगह पर अस्पताल बनाने के सुझाव को भी खारिज किया है।
Syria jaisi stithi yaha paida nahin ho sakti. Yaha pe bahut secular musalman aur secular Hindu rehte hain. Agar ye maamle jaldi nahi sudhre to Hindu aur musalmanon ke beech ki daraarein ho rahi hain, wo khai ban sakti hain: Wasim Rizvi on Sri Sri Ravishankar's remark #Ayodhya pic.twitter.com/x79Er2omK6
— ANI (@ANI) March 5, 2018
बता दें कि पिछले करीब एक साल से रविशंकर ने अयोध्या, चेन्नई, लखनऊ, दिल्ली और हैदराबाद के करीब 500 नेताओं से इस मामले पर व्यक्तिगत तौर पर या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की है। उन्होंने इस चर्चा पर बात करते हुए कहा, ‘बहुत से लोग मेरे प्रयासों का विरोध कर रहे हैं, लेकिन मैं बता दूं कि कोर्ट का जो भी फैसला आएगा वह हर किसी को मंजूर नहीं होगा।’ हाल ही में रविशंकर ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निष्कासित नेता सैयद सलमान हुसैन नदवी से भी मुलाकात की थी। बता दें कि सैयद ने मस्जिद के स्थान को बदलने की बात कही थी, जिसके बाद उन्हें बोर्ड से निष्कासित कर दिया गया था।