एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने अपने पोते पार्थ पवार की कंपनी से कथित तौर पर जुड़े विवादास्पद भूमि सौदे की जांच का समर्थन किया है। शरद पवार ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि मामला गंभीर है इसलिए उन्हें जांच करानी चाहिए और तथ्यों को समाज के सामने रखना चाहिए।’’

पुणे के पॉश मुंधवा इलाके में 300 करोड़ रुपये में 40 एकड़ जमीन की बिक्री के सौदे ने महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल मचा दी है। यह जमीन अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी नामक कंपनी को बेची गई थी। इस कंपनी में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार पार्टनर हैं।

इसे सरकारी जमीन बताया गया है और इस सौदे में आवश्यक स्टांप ड्यूटी भी माफ कर दी गई थी। विपक्षी दलों का आरोप है कि इस जमीन की वास्तविक कीमत करीब 1,800 करोड़ रुपये है।

जांच के आदेश के बाद रद्द हो गया सौदा

सुप्रिया की टिप्पणी पर दिया बयान

जब शरद पवार से पूछा गया कि क्या उनके भतीजे अजित पवार को महायुति के सहयोगी राजनीतिक रूप से निशाना बना रहे हैं तो शरद पवार ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता।’’ शरद पवार अपनी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले के द्वारा पार्थ पवार पर की गई टिप्पणी से भी असहमत दिखे। सुले ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि पार्थ कुछ गलत करेंगे।

शरद पवार ने कहा, ‘‘यह उनका (सुप्रिया का) विचार हो सकता है।’’ अनुभवी नेता ने कहा कि प्रशासन, राजनीति और परिवार अलग-अलग हैं। पवार ने कहा, ‘‘एक परिवार के रूप में हम (पवार) एक हैं लेकिन हम वैचारिक रूप से विभाजित हैं। मेरे एक पोते ने अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था और अजित पवार की पत्नी ने मेरी बेटी के खिलाफ चुनाव लड़ा था।’’

राज ठाकरे को लेकर क्या बोले पवार?

शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की रणनीति सर्वसम्मति से तय की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम कल बैठक करेंगे और अपनी रणनीति एवं नए सहयोगियों को अपने गठबंधन में शामिल करने पर फैसला करेंगे।’’ उन्होंने राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को विपक्षी खेमे में लेने का भी संकेत दिया।

पवार ने कहा, ‘‘अगर एमवीए में आम सहमति से कोई अच्छा विकल्प सामने आता है तो कांग्रेस पार्टी को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना पर तीखा रुख नहीं अपनाना चाहिए और इस बारे में सोचना चाहिए। हम इस पर कल चर्चा करेंगे।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि महायुति सरकार फसल नुकसान और कर्ज से जूझ रहे किसानों की दुर्दशा को लेकर चिंतित नहीं दिखती।

पवार ने सरकार द्वारा राहत पैकेज की घोषणा को धोखाधड़ी जैसा बताते हुए कहा कि जिन किसानों को अप्रैल में बेमौसम बारिश के लिए वित्तीय सहायता मिली थी, उन्हें अब कुछ भी नहीं मिला है।

महायुति सरकार में रार?