तमिलनाडु में जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा 12 तक पहुंच गया है। यहां चेंगलपट्टू और विल्लपुरम में जहरीली शराब पीने से एक महिला समेत 12 लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने बताया कि इस घटना के बाद राज्य के 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
इससे पहले पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि जहरीली शराब पीने के बाद पांच लोगों को शनिवार देर रात एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इनमें से तीन की यहां मौत हो गई थी। इसके बाद बाकी तीन लोगों की रविवार को मौत हो गई थी। मरने वालों में एक महिला भी शामिल थी। घटना के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और पुलिस अन्य लोगों की तलाश कर रही है।
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना विल्लुपुरम के निकट मरकानम के एक्कियारकुप्पम में शनिवार रात हुई। वहीं, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने जहरीली शराब और नशीले पदार्थों के खतरे से निपटने के अपनी सरकार के संकल्प का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना के सिलसिले में दो निरीक्षकों समेत 4 पुलिसकर्मियों कोनिलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दिए जाने की भी घोषणा की। वहीं, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। अन्नाद्रमुक के महासचिव और नेता प्रतिपक्ष के. पलानीस्वामी ने कहा कि उनकी सरकार के दस साल के शासन (2011 से 2021 तक) में अवैध शराब के लिए कोई जगह नहीं थी। उन्होंने इस घटना के लिए सत्तारूढ़ दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, “कम से कम अब तो अवैध शराब के खिलाफ कदम उठाए जाने चाहिए।” पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक डॉ. एस. रामदास ने जहरीली शराब की बिक्री को लेकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।