पिछले दिनों पुलिसकर्मियों पर हमला करने के सिलसिले में अलगाववादी नेता यासीन मलिक सोमवार (6 जून) को गिरफ्तार कर लिए गए हैं। गिरफ्तारी के बाद उन्हें श्रीनगर केंद्रीय कारागार में भेज दिया गया है। जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक ने समर्थकों के साथ पुलिसकर्मियों की 4 जून को उस वक्त झड़प हुई जब वे (पुलिसकर्मी) जमीन आवंटन फैसले के खिलाफ जेकेएलएफ के प्रदर्शन को रोकने की कोशिश कर रहे थे। यासिन पर आरोप है कि उन्होंने प्रशासन से बिना इजाजत लिए सरकार के खिलाफ मार्च निकाला।

इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस ने रविवार (5 जून) को अलगाववादी नेताओं पर कार्रवाई को लेकर पीडीपी-भाजपा सरकार पर निशाना साधा था। विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने कहा था कि जेकेएलएफ अध्यक्ष यासीन मलिक समेत अलगाववादी नेताओं के खिलाफ पीडीपी-भाजपा सरकार की कार्रवाई से हुर्रियत और केंद्र के बीच एक राजनीतिक साझेदारी कराने के पीडीपी के दावे की पोल खुल गई है। पीडीपी-भाजपा के ‘एजेंडा ऑफ अलायंस’ में साफतौर पर हुर्रियत नेताओं और केंद्र सरकार के बीच साझेदारी और वार्ता कराने के लिए नई पहल करने का वादा किया गया था। इसमें राज्य में अलगाववादी नेतृत्व के साथ प्रस्तावित ‘विचारों की लड़ाई’ की बात भी की गई थी।

नेकां के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल रहीम रादर ने मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में एक श्रमिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, ‘आज रविवार (5 जून) को हुर्रियत नेताओं पर कड़ी कार्रवाई हो रही है और उनमें से कुछ को 29 वर्ष पुराने मामलों में सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। यह किस तरह की ‘विचारों की लड़ाई’ है?’