भागलपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने चार पुलिस कॉन्स्टेबल को शराब पीने के जुर्म में नौकरी से बर्खास्त कर दिया। इसके अलावा उन्होंने एक एएसआई को भी बर्खास्त करने की सिफारिश की है। एसएसपी के मुताबिक, बर्खास्त सिपाहियों में रोबिन कुमार पाण्डे, राजीव रंजन, मधुकर सुमन और शशिकांत शर्मा हैं। ध्यान रहे इसी साल 5 जुलाई को देर रात स्टेशन चौक की पुलिस गुमटी में इन चारों कांस्टेबल को खुलेआम शराब पीते तत्कालीन कोतवाली इंस्पेक्टर पंकज कुमार सिंह ने दबोचा था। रेलवे थाना के एसएचओ सुधीर कुमार भी इनके साथ थे। इसके अलावा सिटी डीएसपी शहरवार अख्तर भी मौके पर तकरीबन सवा बारह बजे रात पहुंचे थे।
सबसे पहले इन चारों को जीआरपी थाने ले जाकर ब्रेथ एनलाइजर से इनकी जांच की गई जिसमें पॉजिटिव पाया गया। बाद में आधी रात को खुद एसएसपी भी थाना कोतवाली आए और इनको हवालात में डालने का आदेश दिया। कड़ा रुख अख्तियार करते हुए उन्होंने किसी की एक नहीं सुनी और कोर्ट में पेशकर इनका जेल चालान किया। हालांकि बाद में इन्हें अदालत से जमानत मिल गई मगर एसएसपी ने बगैर किसी के दबाव में आए इन पर विभागीय कार्रवाई जारी रखी। इनको बर्खास्त करने की कार्रवायी शुक्रवार (29 दिसंबर) को की गई। यहां यह बताना जरूरी है कि शशिकांत और राजीव रंजन एसएसपी दफ्तर में एकाउंट्स विभाग में और मधुकर व रोबिन पुलिस लाइन में तैनात थे। एसएसपी ने बताया कि इन सभी पर बिहार मद्दनिषेध की दफा के तहत कार्रवाई की गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले नाथनगर के एक एएसआई को भी नशे की हालत में हंगामा करते गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। उनकी बरखस्तगी के लिए भी एसएसपी ने अपने आलाधिकारी को लिखा है। इससे पहले भी एक ऐसे ही वाकए में बीते साल बांका पुलिस लाइन के छह रंगरूट सिपाही अपनी ड्यूटी से गायब हो झारखंड के देवघर जाकर छककर शराब पी थी। इसके बाद बिहार सीमा के अंदर इनावरण के नागराज ढाबे में आकर उन्होंने साथ लाई शराब की बोतलों को खोल पीने लगे। ढाबे के मालिक के मना करने पर वे बेवजह हंगामा करने लगे और मारपीट, तोड़फोड़ पर उतारू हो गए। इस पर पुलिस को इसकी सूचना दी गई। चानन थाना की पुलिस ने घटना स्थल पर आकर छह लोगों को गिरफ्तार कर और जेल भेजा। बाद में बांका एसपी की सिफारिश पर उन्हें नोकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।
