असम पुलिस की ओर से सोमवार (16-मई-2022) को स्कूल में बीफ खाने के आरोप में गोवालपारा जिले से एक स्कूल की अध्यापिका को गिरफ्तार किया है।
56 वर्षीय अध्यापिका पर आईपीसी की धारा 153A (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने) और धारा 295 A (जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण कार्य के जरिये किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करना) के तहत केस दर्ज किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, अध्यापिका का नाम दलिमा नेस्सा है और वह जिले के लखीपुर में हुरकचुंगी मिडिल इंग्लिश स्कूल में प्रधानाध्यापिका हैं। पुलिस ने बताया कि गिरफ़्तारी स्कूल प्रबंधक कमेटी की शिकायत के आधार पर की गई है। वह स्कूल में गुणोउत्सव (असम सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा का मूल्यांकन करने की प्रक्रिया) के दौरान बीफ लेकर आई थी, जिसके बाद लंच में एक सहकर्मी ने उन्हें बीफ खाते हुए देख लिया।
वहीं, स्कूल प्रबंधन ने बताया कि “वह स्कूल में बीफ लेकर आई थी और कुछ स्टाफ मेंबर्स को दे रही थी, जिसे खाने के बाद कुछ लोग असहज हो गए” इसके साथ आगे कहा कि “इस घटना ने दोनों समुदायों की भावनाओं को ठेस पहुंचा है।”
बता दें, यह घटना शनिवार को स्कूल में वार्षिक गुणोउत्सव के आयोजन के दौरान हुई, जिस पर पूरे स्कूल की ओर आपत्ति जताई गई थी। स्कूल की ओर से अध्यापिका के खिलाफ मामला दर्ज कराने के बाद उससे पूछताछ की गई और उसे गिरफ्तार किया गया।
गौरतलब है कि असम सरकार ने पिछले साल असम मवेशी संरक्षण अधिनियम को लागू किया था, जिसके बाद असम में हिन्दू, सिख और जैन तीर्थस्थलों के निकट 5 किलोमीटर के दायरे में मवेशियों की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं, जहां यह घटना सामने आई है। बड़ी संख्या में हिन्दू आबादी और कई मंदिर है।