किसान कर्ज माफी का वादा कर मध्य प्रदेश में सरकार बनाने वाली कांग्रेस सरकार के सामने बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है। दरअसल, कर्ज माफी के नाम पर करीब 3 हजार करोड़ का घोटाला सामने आया है। राज्य में फर्जी तरीके से रिकॉर्ड में नाम दिखाकर इसे अंजाम दिया गया। प्रदेश के करीब हर जिले से फर्जी कर्ज दिखाकर रकम हड़पी गई है। राज्य में आते ही हुए इतने बड़े घोटाले से सामना होने के बाद कमलनाथ सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
मामला सामने आने के बाद मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘ बीते कई सालों से यह फर्जीवाड़ा जारी था। मुमकिन है करीब दो से तीन हजार करोड़ रुपए का यह घोटाला हो।’ वहीं इसी मामले पर राज्य सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने कहा, फर्जी कर्ज की जांच शुरू हो चुकी है। जिन्होंने लोन नहीं लिया, उन्हें कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी होगी।’ वहीं, दूसरी तरफ इस तरह से कर्जमाफी के बाद किसान भी सरकार से नाराज हैं। सागर जिले के हिलगन गांव में किसानों ने बेवजह कर्जमाफी की सूची में नाम डाले जाने से नाखुश होकर सामूहिक खुदकुशी की चेतावनी दी।
राज्य में कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही इसमें धांधली की खबरें आने लगी थीं। उमरिया के किसान रोहिणी साहू ने बताया कि उन्होंने कभी सोसायटी से कर्ज ही नहीं लिया फिर भी उनके नाम पर 80 हजार चढ़ा दिए गए। सागर जिले के बंडा और देवरी तहसील में कुछ किसानों इस पर नाराजगी भी जताई थी। किसानों का कहना था कि उनका नाम भी कर्जमाफी की लिस्ट आ गया। जबकि उन लोगों ने कभी कर्ज ही नहीं लिया। कई किसानों ने आरोप लगाया कि पुराना कर्ज चुकता करने के बाद भी बैंक ने एक बार फिर लिस्ट चस्पा कर दी, जिसमें उनके नाम हैं। ऐसे मामले मध्य प्रदेश के लगभग हर जिले से सामने आए हैं। इसमें उनका भी नाम शामिल कर दिया गया, जिनकी काफी पहले मौत हो चुकी है।