पंजाब में सरपंच चुनने को लेकर एक अजीबोगरीब मामले सामने आया है। दरअसल पंजाब के कादियां के 550 वोटर वाले मोकल गांव में बुधवार को सरपंच चुनने के लिए वोटिंग की बजाय कैप्सूल का इस्तेमाल किया गया। इस चुनाव में 5 पूर्व सरपंच और 3 अन्य लोग उम्मीदवार थे। इस चुनाव में 4 चार साल के बच्चे परमपाल सिंह ने पर्ची निकाली, जिसमें 70 साल के किसान संगत सिंह सरपंच चुने गए। बता दें कि ये सारी प्रक्रिया गुरुद्वारे में की गई। वहीं इस पूरी प्रक्रिया को ड्रग्स के खिलाफ मुहिम बताया।

इसलिए मतदान से नहीं पर्ची से हुआ फैसला
ग्रंथी दविंदर सिंह ने बताया कि सरपंच पद के लिए कुल 5 पूर्व सरपंच और गांव के 3 अन्य लोग मैदान में थे। जिसके बाद फैसला लिया गया कि वोटिंग नहीं की जाएगी और सरपंच का चुनाव पर्ची निकालकर किया जाएगा। तब यह तय किया गया कि पर्चियां कैप्सूल में डालकर सरपंच चुना जाएगा। इस चुनाव में कुल 13 कैप्सूल कटोरे में रखे गए। जिनमें से 5 खोखे खाली थे ताकि गड़बड़ी की कोई गुंजाइश न रहे।

पर्चियां कैप्सूल में डालने की दो वजहें
दरअसल एक तरफ ग्रामीणों का कहना है कि अक्सर ये शिकायत रहती है कि पर्ची पर निशान था इसलिए फलां- फलां उम्मीदवार को चुना गया। वहीं दूसरी तरफ सरपंच चयन में कैप्सूल का इस्तेमाल करके पंचायत ने यह संदेश दिया कि वह इलाके में नशे के खिलाफ अभियान चलाएगी और युवाओं को सही रास्ते पर लाएगी।

जीत की उम्मीद नहीं थी
नए सरपंच संगत सिंह ने कहा कि उन्हें सरपंच बनने की उम्मीद नहीं थी। अब जिम्मेदारी मिली है, तो गांव में विकास होगा। इसके साथ ही लोक भलाई के लिए हर हद तक जाऊंगा।

गांव में गुटबाजी खत्म
गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी दविंदर सिंह ने बताया कि गांव में ऐसा पहली बार हुआ है जब सरपंच चुनने के लिए ये अनोखा तरीका अपनाया गया। पहले चुनाव के दौरान लोगो में गुटबंदी के कारण मनमुटाव हो जाते थे। जिसके चलते इस बार लोगों ने इकट्ठा होकर पर्चियों से सरपंच चुनने का फैसला किया।