दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के अध्यक्ष पद के लिए लगभग 24 साल बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध राष्ट्रीय लोकतांत्रिक शिक्षक मोर्चा (एनडीटीएफ) के उम्मीदवार ने जीत हासिल की है।

एनडीटीएफ के उम्मीदवार एके भागी ने अपनी निकटम प्रतिद्वंद्वी आभा देव हबीब को 1,382 मतों से पराजित किया। हबीब ने वाम समर्थित लोकतांत्रिक शिक्षक मोर्चा (डीटीएफ) की ओर से डूटा अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था।

चुनाव शुक्रवार को हुआ और उसके नतीजे शनिवार को घोषित किए गए। इस पद के लिए हर दो साल पर चुनाव होते हैं। मोर्चे के प्रत्याशी भागी को 3,584 मत प्राप्त हुए और हबीब को 2,202 वोट मिले। कांग्रेस समर्थित ‘एकेडेमिक्स फार एक्शन एंड डेवलपमेंट’ के उम्मीदवार प्रेमचंद को जहां 832 मतों से संतोष करना पड़ा, वहीं नवनिर्मित ‘एडहाक टीचर्स फ्रंट’ की शबाना आजमी को केवल 263 मत मिले।

डूटा के अध्यक्ष पद पर एनडीटीएफ ने पिछली बार 1997 में विजय हासिल की थी, जब श्रीराम ओबेराय उसके उम्मीदवार थे। इसके बाद से इस पद पर डीटीएफ या एएडी का कब्जा रहा। एनडीटीएफ के महासचिव वीएस नेगी के अनुसार, ‘हम पद पर नहीं थे, फिर भी शिक्षकों ने हमारे अच्छे काम को सराहा।’ इस चुनाव में कुल 9,446 मतदाता थे, जिनमें से 7,194 ने मतदान किया।

अध्यक्ष पद पर आम तौर पर 300 से 500 के बीच के अंतर से अब तक फैसला होता रहा है, इस बार एनडीटीएफ के अजय कुमार भागी ने 1382 से ज्यादा वोट के अंतर से जीत हासिल की। इसके अलावा भागी ने कुल पड़े वोट का 50 फीसद से ज्यादा वोट पाया। इसके अलावा डूटा की कार्यकारिणी में भी एनडीटीएफ के सभी उम्मीदवार न केवत जीते बल्कि शीर्ष सात में स्थान पाए।‘आप’ की सबसे बुरी हालत

डूटा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के शिक्षक संगठन डीटीए की छीछालेदर हुई है। आप का भ्रम टूटा, परिसर में केजरीवाल को झटका दे दिया। इसके उम्मीदवार डा हंसराज सुमन बुरी तरह हारे। दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कालेजों में वेतन-भत्ते पर चल रहे विरोध के चलते डीटीए उम्मीदवार डाक्टर हंसराज सुमन को हार का मुंह देखना पड़ा, जबकि वे दो बार विलत परिषद के सदस्य और बहुत सी समितियों में रह चुके सुमन डूटा में ‘आप’ का खाता भी नहीं खोल पाए।