उत्तर प्रदेश के संभल शहर में डिस्ट्रिक कोर्ट द्वारा शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिए जाने के बाद वहां के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। 3 लाख से ज़्यादा की आबादी वाले पश्चिमी यूपी के इस शहर में मंगलवार शाम से ही तनाव है। मंगलवार को प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम ने 16वीं सदी की शाही जामा मस्जिद का सर्वे किया। इसके कुछ ही घंटों बाद एक पुजारी ने स्थानीय अदालत में याचिका दायर की और दावा किया कि मस्जिद मुस्लिम शासकों द्वारा ध्वस्त किए गए मंदिर के खंडहरों पर बनाई गई थी।
गुरुवार को संभल शहर किले में तब्दील हो गया और शहर के बीचों-बीच स्थित मस्जिद तक पहुंचने वाले तीन में से दो रास्तों को सील कर दिया गया। स्थानीय पुलिस के अलावा, जिला प्रशासन ने शहर की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ, पीएसी और आरएएफ के जवानों को भी तैनात किया है। मस्जिद के बाहर अपने दर्जन भर साथियों के साथ तैनात एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमें बाहर (संभल) से बुलाया गया है। हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।”
एसपी (संभल) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा,”हमने अदालत के आदेश के मुताबिक मस्जिद के सर्वे के मद्देनजर शुक्रवार को पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कार्रवाई शुरू कर दी है। हमने मौलवियों और शाही मस्जिद समिति के सदस्यों के साथ कई दौर की बातचीत की है। उन्होंने शांति सुनिश्चित करने के लिए अपने सार्वजनिक संबोधन प्रणाली से नियमित घोषणाएं करने का आश्वासन दिया है। किसी भी तरह की परेशानी की संभावना को रोकने के लिए बहु-स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है।”
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मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को
जिला मजिस्ट्रेट (संभल) राजेंद्र पेंसिया ने कहा, “इस मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को अदालत में होनी है इसलिए, हमने सोचा कि सर्वे जल्द से जल्द किया जाना चाहिए।” स्टेशन हाउस ऑफिसर (चंदौसी) अनुज कुमार तोमर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “यह मुस्लिम बहुल इलाका है। यहां 80% निवासी मुस्लिम हैं। मंगलवार रात को सर्वे किया गया और हमने पुलिस कर्मियों को तैनात किया। सब कुछ नियंत्रण में है।”
चंदौसी में कालका देवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरि ने दावा किया, “मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में हरिहर मंदिर नामक मंदिर को ध्वस्त कर दिया था। अंदर एक शिवालय है। एक द्वार जो सदियों से बंद पड़ा है। लोगों ने इसे देखा है। अब, मैंने इसे अपने हाथ में ले लिया है। अदालत जो भी कहेगी, हम उसका पालन करेंगे,” गिरि की याचिका के कारण मंगलवार को अदालत ने मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया था।
वहीं, स्थानीय निवासी मोहन कुमार ने कहा , “यह मस्जिद नहीं है। यह मंदिर है। यहां कल्कि का जन्म होगा। मुसलमानों ने इसे ले लिया था और अब हम इसे वापस लेंगे।”