संभल मस्जिद को लेकर ASI ने अपनी रिपोर्ट में कई बड़े दावे किए हैं, कहा गया है कि स्ट्रक्चर में कई बदलाव देखने को मिले हैं। उस रिपोर्ट को आधार बनाकर ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फिर से व्यापक सर्वे के आदेश दे दिए हैं। अब जानकारी के लिए बता दें कि हाई कोर्ट ने खुद तीन सदस्यों की टीम बनाई गई थी, कहा गया था कि जामा मस्जिद का निरीक्षण कर एक विस्तृत रिपोर्ट दी जाए।
संभल मस्जिद को लेकर बड़ा दावा
अब उस रिपोर्ट में ही बताया गया है कि मस्जिद में कई बदलाव देखने को मिले हैं। मस्जिद की फर्श के जो टाइल्स और पत्थर हैं, उनमें बदलाव देखने को मिला है। इसके अलावा मस्जिद के कई हिस्सों में सुनहरे, लाल, हरे और पीले रंग की मोटी तामचीनी पेंट भी किया गया है। दावा हुआ है कि इस पेंट के जरिए मूल सतह को ढकने की कोशिश हुई है।
रंगाई-पुताई पर क्या बोला हाई कोर्ट?
वैसे एक तरफ व्यापक सर्वे के आदेश हुए हैं, दूसरी तरफ हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की एक मांगको खारिज कर दिया है। असल में जामा मस्जिद कमेटी चाहती थी कि रमजान से पहले मस्जिद में मरम्मत का काम हो, पेंट करवाया जाए। लेकिन ASI ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अभी इसकी कोई जरूरत नहीं है, अब उसी रिपोर्ट को आधार बनाकर कोर्ट ने भी इसकी इजाजत नहीं दी है।
कोर्ट में अगली सुनवाई कब?
वैसे इतना जरूर है कि जामा मस्जिद में सफाई का काम किया जा सकता है, उसकी इजाजत जरूर हाई कोर्ट से मिल गई है। अभी के लिए मंगलवार तक सभी पक्ष इस फैसले को लेकर अपनी बातें रख सकते हैं, उसके बाद ही अगली सुनवाई की जाएगी। यानी कि मुस्लिम पक्ष चाहे तो कई और दलीलों के साथ इलाहाबाद हाई कोर्ट के सामने जा सकता है। अब कोर्ट में लगातार संभल को लेकर हो रही ये सुनवाई मायने रखती हैं क्योंकि पिछले साल नवंबर में यहां जबरदस्त हिंसा देखने को मिली थी। उसके बाद ही यहां तनाव की स्थिति है और प्रशासन भी मुस्तैद चल रहा है। वैसे संभल सुनवाई दौरान कोर्ट ने और भी काफी कुछ बोला था, सारी जानकारी के लिए यह खबर पढ़ें