उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की बुधवार (4 जनवरी) को रणभेरी बजने के बीच सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में सुलह की कोशिश पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव और वरिष्ठ नेता आजम खां के बीच करीब पांच घंटे तक चली बातचीत के बाद भी नाकाम रही। प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा के मद्देनजर फिलहाल सर्वे में सबसे आगे चल रही सपा के लिये आपसी मतभेद दूर करना जरूरी है, क्योंकि ऐसा नहीं होने से कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति रहेगी कि कौन सा धड़ा असली समाजवादी पार्टी है। पिछले रविवार को विवादित राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम की जगह अखिलेश को अध्यक्ष बनाये जाने को लेकर सपा में दो फाड़ हो जाने के बाद आजम खां ने मंगलवार को दोनों पक्षों के बीच सुलह की नाकाम कोशिश की थी।
खां ने आज (बुधवार, 4 जनवरी) दोबारा प्रयास शुरू किये और सुबह सपा मुखिया के घर पहुंचे। मुलायम और उनके भाई शिवपाल सिंह यादव से करीब पांच घंटे तक मुलाकात के बाद खां मुख्यमंत्री से भी उनके आवास पर मिले। हालांकि, सुलह-समझौते की ये तमाम कोशिशें उस वक्त और भी अर्थहीन नजर आयीं, जब अखिलेश के हिमायती रामगोपाल यादव ने किसी भी तरह के समझौते से इनकार कर दिया और कहा कि बातचीत की खबरें महज अफवाह हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री अखिलेश ने लखनऊ में एक कार्यक्रम में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में पूछने पर कहा, ‘हम चुनाव में जा रहे हैं, कहां नट-बोल्ट इस्तेमाल करना है, हम जानते हैं, हम इसे ठीक से करेंगे।’ पार्टी में टूट के बाद दोनों गुट सपा के चुनाव चिह्न साइकिल पर दावे के लिये चुनाव आयोग जा चुके हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव घोषित करने के बाद पूछे गये सवाल पर कहा कि सपा के दोनों पक्षों ने दस्तावेजों में विस्तृत विवरण भेजा है। आयोग निर्धारित नियमों और सिद्धान्तों के तहत उनकी जांच करने के बाद फैसला करेगा।
पिछले रविवार को सपा के विवादित राष्ट्रीय अधिवेशन से शुरू हुई आर-पार की जंग के बाद अखिलेश ने कल पहली बार अपने पिता मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी, जो बेनतीजा रही थी। अधिवेशन में अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने के बाद पार्टी के चुनाव निशान और झण्डे पर कब्जे के लिये मुलायम और अखिलेश के खेमे चुनाव आयोग के सामने अपने-अपने दावे पेश कर चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा था कि विधानसभा चुनाव की किसी भी समय घोषणा होने की सम्भावना और चुनाव आयोग में सुनवाई की लम्बी प्रक्रिया से नुकसान के अंदेशे के मद्देनजर दोनों पक्ष मिल बैठकर मामला सुलझाना चाहते हैं। मंगलवार को मुलायम के नयी दिल्ली से लखनऊ आने पर अखिलेश उनसे मुलाकात करने पहुंचे थे। बाद में अखिलेश के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव भी पहुंचे और तीनों के बीच बात हुई थी, लेकिन बात नहीं बनी।