उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहने वाले पत्रकार निशांत आजाद को उन्हीं के परिचित ने ‘सिर तन से जुदा’ और जान से मारने वाली धमकी दी थी। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने निशांत से 2-2.5 लाख रुपये उधार लिये थे। पिछले कुछ दिनों से निशांत अपने पैसे वापस मांग रहे थे। इससे बचने और खौफ पैदा करने के लिए वर्चुअल नंबर के जरिये धमकी दे डाली थी।
पुलिस ने धर दबोचा तो क्या बताया?
गाजियाबाद के पुलिस अधीक्षक (नगर-द्वितीय) ने बताया कि वादी निशांत की तहरीर पर इंदिरापुरम पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था और छानबीन कर रही थी। साइबर सेल और कई थानों की टीम जांच कर रही थीं, नंबर को ट्रैक किया जा रहा था। इसी क्रम में 20 सितंबर को प्राणप्रिय वत्स नाम के युवक को पकड़ा गया।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसकी निशांत से दो-ढाई साल पहले मुलाकात हुई थी। दोनों की जान-पहचान बिहार चुनाव के वक्त हुई थी। आरोपी ने निशांत से दो-ढाई लाख रुपये ले रखे थे। निशांत अपने पैसे मांग रहे थे, इसलिये ध्यान बंटाने के लिए एक वर्चुअल नंबर लिया और वाट्सएप के जरिये धमकी दी थी।
क्या था पूरा मामला?
गाजियाबाद में रहने वाले पत्रकार निशांत आजाद ने तहरीर दी थी कि उन्हें “सिर तन से जुदा” की धमकी मिली है। स्वयं सेवक संघ की पत्रिका आर्गनाइजर के लिए लिखने वाले पत्रकार ने कहा था कि उन्हें वॉट्सएप पर धमकी भरा मैसेज मिला, जिसमें कहा गया था कि इस्लाम के खिलाफ रिपोर्टिंग बंद करो। ऐसा नहीं किया तो जान से मार देंगे। मैसेज में यह भी कहा गया कि गुस्ताख-ए-रसूल की एक ही सजा “सिर तन से जुदा”।
पत्रकार ने बताया था मैसेज के बाद उन्हें वीडियो कॉल और वॉयस कॉल भी आई, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। निशांत ने कहा, “एक मैसेज में लिखा था कि हमें पता है कि तुम कहां से हो, यू आर फ्रॉम बिहार, यूपी-बिहार करते रहते हो। तुम्हारा परिवार कहां रहता है और कहां काम करते हो, हमें सब पता है।”
बता दें कि राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी की धारदार हथियार से हत्या का मामला सामने आने के बाद ‘सिर तन से जुदा’ काफी चर्चाओं में रहा था। दर्जी की दो लोगों ने उनकी दुकान पर सरेआम हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं इस घटना का वीडियो बनाकर आरोपियों ने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया था।