प्रयागराज में 15 जनवरी से कुंभ की शुरुआत हो रही है। इस कुंभ को भव्य बनाने के लिए न सिर्फ राज्य सरकार बल्कि केन्द्र सरकार ने भी कमर कस ली है। ऐसे में कुंभ मेला परिक्षेत्र में बिजली आपूर्ति पर 226 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जानकारी के मुताबिक यहां बिछाए गए बिजली के तारों की कुल लंबाई 1080 किलोमीटर होगी। बता दें कि कुंभ क्षेत्र में 15 जनवरी से 4 मार्च तक चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति दी जाएगी। वहीं जानकारी के मुताबिक कल्पवासियों (कुंभ में संगम तट पर रहने वाले श्रद्धालु) को निशुल्क बिजली कनेक्शन प्रदान किया जाएगा।
तारों की लंबाई 1080 किलोमीटर: बता दें कि कुंभ मेला परिक्षेत्र में बिजली आपूर्ति पर करीब 226 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जानकारी के मुताबिक यहां बिछाए गए बिजली के तारों की कुल लंबाई 1080 किलोमीटर होगी। यानी तारों की लंबाई प्रयागराज से चंडीगढ़ की दूरी से भी ज्यादा है। गौरतलब है की प्रयागराज से चंडीगढ़ की दूरी करीब 953 किलोमीटर है।
यूपी की एक दिन की खपत के बराबर खर्च होगी बिजली: बिजली विभाग के अफसरों का दावा है कि कुंभ में दो महीने में इतनी बिजली खर्च होगी कि उससे पूरा उत्तर प्रदेश के एक दिन का काम चल सकता है। राज्य में सर्दियों में बिजली की प्रतिदिन 15 हजार मेगावाट और गर्मियों में 20 हजार मेगावाट खपत होती है। बता दें कि 226 करोड़ की बिजली में 126 करोड़ की बिजली पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम उपलब्ध कराएगा।
कुंभ के लिए बनेंगे 64 बिजली घर: जानकारी के मुताबिक कुंभ में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए 64 बिजली घर बनाए जा रहे हैं। वहीं कुंभ क्षेत्र में 42 हजार 700 एलईडी लाइट्स मेला क्षेत्र में और 42 हजार स्ट्रीट लाइट्स रास्तों में लगाई जा रही है। इसके साथ ही 163 ट्रांसफॉरमर्स भी लगाए गए हैं। इसके साथ ही करीब एक हजार सीसीटीवी कैमरों के साथ कुंभ की निगरानी की जाएगी।
10-12 मेगावॉट बिजली की खपत: बता दें कि फिलहाल कुंभ क्षेत्र में एक दिन में 10-12 मेगावॉट की बिजली खपत हो रही है। लेकिन 12 जनवरी के बाद ये आंकड़ा तीन गुना हो जाएगा। तब हर दिन 30-32 मेगावॉट बिजली खर्च होने की संभावना है। इसके साथ ही प्रशासन को इस बार मेले में करीब 10 करोड़ श्रद्धालु आने की उम्मीद है। वहीं पहली बार इस मेले का दायरा भी बढ़ाया गया है। मेले को 1600 वर्ग हेक्टेअर से बढ़ाकर 3200 वर्ग हेक्टेयर किया गया है।