भागलपुर पुलिस का चलाया ” रोको – टोको ” अभियान अब बिहार का मॉडल बन गया है। पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने इसकी कामयाबी को देखते हुए राज्य के सभी ज़िलों में इसे लागू करने का फरमान जारी किया है। डीजीपी के मुताबिक इससे पुलिस की रात में सड़क पर मौजूदगी व सतर्कता से बदमाशों में ख़ौफ़ पैदा होगा। साथ ही अपराध की बारदातों को अंजाम देने के पहले रोका जा सकेगा।
“रोको-टोको ” अभियान भागलपुर में नवंबर 2018 में शुरू किया गया था। जब राज्य के डीजीपी कृपास्वरूप द्विवेदी और भागलपुर के आईजी सुशील खोपड़े थे। द्विवेदी 31 जनवरी 2019 को अवकाश ग्रहण कर चुके है। और खोपड़े बहरहाल अतिरिक्त पुलिस निदेशक अभियान है। यह अभियान रात के दौरान भागलपुर एसएसपी आशीष भारती ने अपने मातहतों के साथ मिलकर बखूबी चला रहे है।
जिसके तहत काफी सफलताएं मिली है। एसएसपी बताते है कि बीते दो हफ्ते में तीन सौ से ज्यादा शातिर बदमाश व शरारती तत्वों को पुलिस ने दबोचा है। एक दर्जन से ज्यादा अवैध हथियार बरामद किया है। शराब व नशीले पदार्थ सेवन करने वालों की यंत्रों से जांच कर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। रात के अंधेरे में नशेड़ी अपने को खुला महसूस करते है।
एसएसपी बताते है कि बीते दिसंबर में केवल तीन बड़ी घटनाओं के मामले पुलिस में दर्ज हुए। सर्दियों के मौसम में आम तौर पर अपराध की वारदातों में इजाफा होता है। मगर भागलपुर में ग्राफ गिरा है। दो रोज पहले पुलिस ने शातिर बदमाश सूरज तांती को इसी अभियान के तहत गिरफ्तार किया है। यह हत्या, लूट, रंगदारी, डकैती जैसे कई संगीन आपराधिक कांडों का बांछित है। पुलिस इसे ढूंढ रही थी। इसी से इस अभियान की कामयाबी का अंदाजा लगाया जा सकता है।
” रोको-टोको ” अभियान अमूमन रात दस बजे से देर रात तक पुलिस चलाती है। इलाके के थानेदार दुपहिए व चार पहिए वाहनों की तलाशी लेते है। शक होने पर नशा मापक यंत्र (ब्रेथ एनलाइजर) को मुंह में घुसा जांच करते है। सब ठीक रहा तो पुलिस वाले हाथ जोड़ राहगीर को छोड़ देते है। इस दौरान पुलिस अवांछित तत्वों के घरों पर भी दस्तक देती है। और फरारियों को दबोचती है। अभियान की निगरानी सिटी डीएसपी राजवंश सिंह व सिटी एसपी सुशांत कुमार सरोज करते है। जरूरत पड़ने पर खुद एसएसपी भी अभियान को कामयाब करने सड़क पर उतर जाते है। एसएसपी भारती कहते है इससे कानून प्रिय व अमन-चैन पसंद लोग रात में बेफिक्र हो सोते है। यह पुलिस के लिए सुकून की बात है। अब यह बिहार के सभी ज़िलों में लागू हो रहा है। भागलपुर पुलिस की यह बड़ी कामयाबी की मिसाल बन गया। यह सबसे बड़ी खुशी की बात है।

