बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद महागठबंधन लगातार चुनाव परिणामों पर सवाल खड़े कर रहा है। रविवार को नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर मॉक पोल से जुड़े कागज को लेकर चुनाव आयोग से कार्यवाही की मांग की है। दरअसल ‘दैनिक भास्कर’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक दरभंगा के केवटी विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केंद्र के मॉक पोल का लिफाफा स्ट्रांग रूम के बाहर पाया गया है।
केवटी विधानसभा क्षेत्र की मतदान केंद्र संख्या 84 से जुड़ा मॉक पोल का लिफाफा स्ट्रांग रूम में होने के बजाय राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी के सरकारी आवास पर है। सिद्दिकी को यह लिफाफा सड़क पर पड़ा हुआ मिला था। काले रंग के लिफाफे पर तारीख 7 नवंबर 2020 लिखी हुई है। यह लिफाफा सीलबंद है। इसके अलावा आरजेडी नेता के पास एक लिफाफा और है वह बूथ संख्या 86 A का है। यह खुला हुआ है और इसमें भी मॉक पोल से जुड़े कागजात हैं।
इसको लेकर तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा “मॉक पोल से जुड़े कागजात स्ट्रांग रूम में होने चाहिए थे, रास्ते में पड़े मिले, चुनाव आयोग को इस घटना की गहन पड़ताल कर दोषियों को नौकरी से बर्खास्त करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर चुनाव कराने की रस्म अदायगी भी क्यों?”
रिपोर्ट में सिद्दीकी ने बताया कि उन्हें यह लिफाफे प्लास्टिक के डिब्बे में रोड पर पड़े हुए मिले। डिब्बे के ऊपर का सील भी टूटा हुआ था। एक महिला के हाथ यह डिब्बा लगा और उसने इसे सिद्दिकी तक पहुंचाया। सिद्दिकी इसे दिखाते हुए कहते हैं कि मैं केवटी से चुनाव हारा नहीं हूं बल्कि मुझे हराया गया है। यह कागजात सहित मॉक पोल का डिब्बा और लिफाफा बताता है कि बड़ी गड़बड़ी हुई है।
बता दें इस सीट से विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मुरारी कृष्ण झा ने 4890 वोटों से जीत हासिल की है। तीन बार के विधायक सिद्दिकी को इस बार हार का सामना करना पड़ा है। बता दें विधानसभा चुनाव में इस बार मतदान शुरू होने से एक घंटा पहले मॉक पोल कराने का आदेश दिया गया था। सभी मतदान केंद्रों पर मॉक पोल करने का निर्देश था।
क्या होता है मॉक पोल –
मॉक पोल में 50 वोट डालकर एजेंट को दिखाया जाता है कि जिसे वोट पड़ रहा है वह सही जगह पर जा रहा है या नहीं। सभी बटनों की इससे जांच की जाती है कि मशीन पूरी तरह सही है। इसके बाद इसकी पर्ची को लिफाफा में डालकर डिब्बे में सील कर दिया जाता है।

