भयानक बाढ़ से विंध्य के सतना और रीवा जिले में बारिश के कहर ने न जाने कितने ही घर-परिवार उजाड़ दिए हैं। जिले के अधिकांश हिस्सों में पानी ही पानी भरा हुआ है। रीवा जिले में आई बाढ़ के चलते न सिर्फ घर-परिवार उजड़े बल्कि कई उद्योग धंधे भी पानी में बह गए हैं। हालांकि आम बाढ़ पीड़ितों के लिए सरकार की ओर से मुआवजे की घोषणा की गई है लेकिन जिनका उद्योग बाढ़ में पूरी तरह तहस-नहस हो गया उन्हें किसी तरह की कोई आर्थिक मदद नहीं मिलेगी। ऐसे में उद्योग पीड़तों के बीच निराशा का माहौल है, लिहाजा वे सरकार के प्रति काफी आक्रोशित हैं। बता दें कि जिले के बिछिया स्थित उद्योग एरिया में बाढ़ का भारी प्रभाव पड़ा। वैसे तो यहां कई उद्योग धंधे उजड़ गए हैं लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान फोर्ट रोड निवासी किरण गुप्ता की सीमेंट प्रोडक्ट फैक्ट्री का करीब 60 से 70 लाख का नुकसान हुआ है। फैक्ट्री मालिक ने जब उद्योग विभाग और जिलाधिकारी से अपनी भरपाई के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष की गुहार लगाई तो उन्होंने महज आश्वसन दिया है। दरअसल, उद्योग विभाग का कहना है कि उद्योगिक बाढ़ पीड़ितों को किसी तरह का मुआवजा नहीं मिल रहा है।

ऐसे में क्षेत्र के उद्योगपतियों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। क्षेत्र के उद्योपतियों का कहना है कि सरकार की ओर से उन्हें इतनी तो आर्थिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए जिससे कि वे अपने धंधे फिर से स्थापित कर सकें।

गौरतलब है कि बाढ़ की चपेट में न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि बिहार और बुंदेलखंड भी शामिल हैं। बीते दिन ही बिहार में बाढ़ के चलते सात लोगों की जान चली गईं, जिससे इस आपदा से मृतकों की संख्या 179 पहुंच गई। हालांकि राज्य के कई हिस्सों में गंगा का जलस्तर घटना शुरू हो गया है। इसी बीच लगातार दो दिनों की बारिश के बाद शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आद्रता का स्तर बढ़कर 95 और 69 प्रतिशत के बीच रहा. हालांकि तापमान सामान्य स्तर पर रहा।