झारखंड में हाल ही में 12वीं में फेल हुई छात्राओं ने धनबाद जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किए थे, जिसके बाद प्रशासन ने उन पर लाठीचार्ज करा कर उन्हें खदेड़ने की कोशिश की थी। अब यह मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। खासकर भाजपा के विरोध के बाद तो हेमंत सोरेन सरकार खुद को घिरा हुआ महसूस कर रही है। कई नेताओं के साथ मौजूदा और पूर्व नौकरशाहों ने भी झारखंड सरकार को खरी-खरी सुनाई है। इनमें एक नाम उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह का भी है, जिन्होंने एक ट्वीट के जरिए सीएम हेमंत सोरेन से अपील की है कि वे झारखंड को यूपी न बनाएं।

क्या बोले सूर्य प्रताप सिंह?: पिछले हफ्ते ही कलेक्टर के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचीं 12वीं की फेल हुई छात्राओं पर झारखंड पुलिस ने लाठीचार्ज करा दिया था। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसी को शेयर करते हुए सूर्य प्रताप सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “झारखंड की यह तस्वीरें लोकतांत्रिक व्यवस्था पर धब्बा हैं। अपने हक की लड़ाई लड़ना हर छात्र का संवैधानिक अधिकार है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, झारखंड को उत्तरप्रदेश मत बनाइए।

इतना ही नहीं पूर्व आईएएस ने झारखंड सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दोषियों पर कार्यवाही नहीं हुई, तो हम इन बच्चों की लड़ाई लड़ेंगे। आखिर में उन्होंने खुद भी छात्र एकता जिंदाबाद का नारा लिखा। बता दें कि सूर्य प्रताप सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के कड़े आलोचक हैं। हालांकि, समय दर समय वह विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग सरकारों की नीतियों और फैसलों को लेकर अपनी राय जाहिर करते रहे हैं।

छात्र प्रदर्शनों पर योगी सरकार पर भी साध चुके हैं निशाना: गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने किसी सरकार पर सख्त तरीका अपनाने के लिए निशाना साधा हो। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार से चल रहे उनके टकराव के बीच वे कई बार लखनऊ में चल रहे आंदोलनों को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोल चुके हैं। दो हफ्ते पहले ही उन्होंने एक ट्वीट में बेरोजगार युवकों और युवतियों के लखनऊ के ईको पार्क में चल रहे प्रदर्शन का जिक्र किया था।

इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था- “लखनऊ में महीनों से हजारों बेरोजगार युवा/युवतियां आंदोलन कर रहे हैं। धूप, बरसात में इको-पार्क में अपना घर बाहर छोड़कर पड़ें हैं। सरकार या तो उनकी बात सुने या फिर जेल में ठूंस दे। कभी दरोगा मां-बहन की गाली देता है, कभी पुलिस लाठी बरसाती है। क्या यूपी में अपना हक मांगना अपराध है?”