गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का बिल अब बिहार विधानमंडल में भी पास हो गया है। संसद के बाद यहां भी लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने इसका विरोध किया। आरजेडी विधायकों ने बिल के विरोध में वोट दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि आरक्षण का जो प्रावधान पहले से है उस पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि संविधान में संशोधन के जरिए ही आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद के लिए यह बिल लाया गया है। इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘यह बिहार के लिए ऐतिहासिक दिन है। गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरी और कॉलेज एडमिशन में लाभ मिलेगा।’
नीतीश ने कसा तंजः सदन में आरजेडी विधायकों ने विरोध किया तो नीतीश कुमार ने कहा कि यह विधेयक सर्वसम्मति से पारित होना चाहिए था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘मैं जानता हूं कि आधे से ज्यादा विधायक स्वर्ण आरक्षण पर सहमत हैं लेकिन हंगामा करने का आदेश रांची से आया है।’ गौरतलब है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले के चलते लालू को सजा हुई है। फिलहाल वे रांची के रिम्स में इलाज करवा रहे हैं।
अब तक इन राज्यों में हुआ लागूः गरीब सवर्णों को आरक्षण का फैसला अब तक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, असम, झारखंड और महाराष्ट्र में लागू हो चुका है। उल्लेखनीय है कि ये सभी राज्य भाजपा शासित हैं। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन (103वां संशोधन) के जरिए एक प्रावधान जोड़ा गया है।
