दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले गेस्ट टीचर्स को अब अनुभव प्रमाणपत्र स्कूल से ही मिल सकेगा। सरकार के फैसले के अनुसार इन टीचरों को अब शिक्षा विभाग के चक्कर नहीं लगाने होंगे। हाल ही में ‘दिल्ली अतिथि शिक्षक संघ’ ने सरकार के समक्ष कुछ मांगें रखी थीं, अन्य मांगों के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 17,000 गेस्ट टीचर हैं जिन्हें 1 जुलाई से दुबारा नियुक्त कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले के अनुसार इन टीचरों को अनुभव प्रमाणपत्र के लिए शिक्षा विभाग के चक्कर नहीं लगाने होंगे। उन्हें केवल अनुभव पत्र का एक खाका शिक्षा विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड कर स्कूल प्रिंसिपल से उस पर हस्ताक्षर करवाना होगा।
अतिथि शिक्षकों की अन्य मांगों को लेकर सरकार ने प्रधान सचिव (वित्त) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई है। यह समिति उनके तय वेतन, मातृत्व अवकाश और महीने में एक कैजुअल लीव जैसी मांगों पर विचार करेगी। सरकार ने कहा है कि जब तक अतिथि शिक्षकों को स्थायी करने की फाइल को उपराज्यपाल की मंजूरी नहीं मिल जाती तब तक किसी भी गेस्ट टीचर को हटाया नहीं जा सकता।
