जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर हमले में RDX का इस्तेमाल नहीं किया गया, बल्कि आम उद्योगों में इस्तेमाल होने वाली चीजों का इस्तेमाल किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इन चीजों में कीलें, लोहे के टुकड़े जैसी चीजें शामिल है। जिससे एक घातक विस्फोटक बनाया गया। इसे बनाने के लिए जरुरी चीजों को धीरे-धीरे इक्ट्ठा किया गया। हमलावर की लाश के पास से मिले पदार्थों से शुरुआती जांच में अभी यही पता चल सका है। हालांकि अभी परीक्षण जारी है। विशेषज्ञों ने इस बात का दावा किया है कि हमले में RDX का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
ये कहना है शीर्ष सुरक्षा अधिकारी नेः मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि हमले में इस्तेमाल हुए केमिकल्स का अभी तक पूरी तरह से पता नहीं लगाया जा सका है। RDX जैसे विस्फोटकों के नाके पर पकड़े जाने की संभावना ज्यादा होती है। इसीलिए आंतकियों ने अपने हथियारों में आम उद्योगों में इस्तेमाल होने वाली चीजों का इस्तेमाल किया ताकि उनके हथियार आसानी से पकड़ में न आ सकें। अधिकारी ने बताया हमले का असर जबरदस्त हो इसलिए विस्फोटक की मात्रा ज्यादा रखी गई थी। हमला की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि इसका असर कई किलोमीटर तक महसूस किया गया।
कश्मीर जाने का रास्ता खुलने का इंतजार कर रहे थे जवानः पिछले कुछ समय से जम्मू-कश्मीर में गाड़ियों की आवाजाही पर रोक थी। इसलिए सेना के जवान काफी समय से कश्मीर रास्ता खुलने का इंतजार कर रहे थे। रास्ता खुलते ही गुरुवार को सीआरपीएफ की गाड़ियों का काफिला जम्मू के लिए रवाना हो गया। काफिले के साथ आम लोगों की गाड़ियां भी शामिल थी। इसी बीच आतंकी हमलावर भी काफिले में शामिल हो गया। हमले की साजिश इस तरह से की गई थी कि काफिले के आगे चलने वाली क्विक रिएक्शन टीम की कम जवानों वाली गाड़ियों की बजाए ज्यादा सवारियों वाली गाड़ियों को निशाना बनाया जा सके।