मुंबई के पूर्व जोगेश्वरी में स्थित बालासाहेब ठाकरे ट्रामा केयर अस्पताल में चूहों द्वारा कोमा के मरीज की आंख कुतरने का बेहद अजीब मामला सामने आया है। टीओआई के मुताबिक 27 वर्षीय कोमा के मरीज के परिवार ने आरोप लगाया है कि मरीज की दाहिनी आंख को चूहों द्वारा नोचा गया है। वहीं अस्पताल ने मरीज के परिवार के आरोपों को सिरे खारिज करते हुए कहा कि एक साजिश के तहत ऐसा किया जा रहा है। अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. एच भावा का कहना है कि अस्पताल की छवि खराब करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक ठाणे के रहने वाले 27 वर्षीय परमिंदर गुप्ता हाल ही में हुई एक सर्जरी के दौरान कोमा में चले गए थे। दरअसल, कुछ दिनों पहले परमिंदर अपनी बाइक से गिर गए थे, जिसके बाद उनके दिमाग के दाहिने हिस्से में सूजन आ गई थी। उन्हें ठाणे के प्राइवेट अस्पताल हाइलैंड ले जाया गया था। जहां डॉक्टर्स ने सिटी स्कैन और एमआरआई कराने का आदेश दिया था, लेकिन टेस्ट के दौरान ही परमिंदर बेहोश होकर गिर गए। अस्पताल के डॉक्टर्स ने उनके दिमाग में ब्लड क्लॉट होने की बात कही थी।
Mumbai: Rat bites eye of a 27-year-old patient, family blames Hospital.
The Hospital says 'It is a conspiracy'.#WATCH as @madhavgk takes you through the medical report of the patient pic.twitter.com/7MdaMR1WhE— TIMES NOW (@TimesNow) April 28, 2018
परमिंदर की बहन ने बताया, ‘ब्लड क्लॉट को निकालने के लिए डॉक्टर्स ने उसका ऑपरेशन किया, लेकिन सर्जरी जो कि 8 मार्च को हुई थी, उसके बाद परमिंदर कोमा में चला गया।’ प्राइवेट अस्पताल में 40 दिन के इलाज का खर्च 6 लाख आने के बाद परमिंदर के परिवार ने उसे बीएमसी द्वारा संचालित किए जा रहे अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला किया। परमिंदर को 12 अप्रैल को बालासाहेब ठाकरे ट्रामा केयर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया। कुछ दिन आईसीयू में रखने के बाद पिछले शनिवार को उन्हें जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। परमिंदर के परिवार के मुताबिक जनरल वार्ड में शिफ्ट किए जाने के बाद रविवार की रात चूहों ने उसकी आंख कुतर डाली।
परमिंदर की बहन ने बताया, ‘उसके पूरे चेहरे पर, कंबल, बिस्तर और कपड़ों पर हर जगह खून था। डॉक्टर्स ने हमें टिटनेस का इंजेक्शन खरीदने को कहा। मेरे अंकल का कहना है कि उन्होंने परमिंदर के बिस्तर के पास चूहे को देखा था।’ इस घटना के बाद मरीज को फिर से आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि चूहों का उपद्रव अस्पताल में एक समस्या रही है, लेकिन अभी तक इस तरह की घटना नहीं हुई है। डॉक्टर एचएस भावा ने कहा, ‘हमने मरीज की जांच की, हमें कुतरने के निशान नहीं मिले। नेत्र-विशेषज्ञ ने भी जांच की, उन्हें भी इस तरह का कोई निशान नहीं मिला।’