देश के पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर दर्ज बलात्कार के मुकदमे को वापस लेने की खबर के बीच पीड़िता ने चुप्पी तोड़ी है। स्वामी चिन्मयानंद की पूर्व सहयोगी और साध्वी रही पीड़िता ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करीबी रिश्ते के चलते चिन्मयानंद पर दर्ज केस वापस लिया जा रहा। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसके नाम से चिन्मयानंद ने फर्जी हलफनामा भी कोर्ट में पेश किया है। पीड़िता ने एडीजी को शिकायत भेजकर मुकदमा वापसी का विरोध करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
एडीजी को भेजे पत्र में पीड़िता ने कहा कि उसने 30 नवंबर 2011 को शाहजहांपुर कोतवाली में स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म आदि धाराओं में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने केस की विवेचना के बाद न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल कर दिया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए चिन्मयानंद उच्च न्यायालय चले गए।2012 में उच्च न्यायालय ने स्टे ऑर्डर देते हुए जिला न्यायालय की कार्रवाई पर रोक लगा दी। अब स्टे ऑर्डर खत्म हो गया है, मगर सरकार ने मुकदमा वापस लेने की तैयारी शुरू कर दी। पीड़िता ने शिकायत में कहा है कि उसने न्यायालय में इस बाबत आपत्ति दर्ज कर वारंट जारी करने की मांग की है। पीड़िता के मुताबिक-संज्ञान में आया है कि चिन्मयानंद ने प्रार्थिनी के नाम से फर्जी हलफनामा बनवाया है। जिसमें सहमति दर्शायी गई है, इस नाते सहमति पत्र को फर्जी माना जाए। फर्जी हलफनामा बनवाने वाले दोषियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
“I dont want to withdraw my case”
Rape Survivor alleges false affidavit has been submitted in her name which leads to release of Ex Min Swami Chinmayanand who raped her .. Yogi Gov trying to sheild him coz of CM Adityanath’s deep relations with him .. #BharatiyaJailParty pic.twitter.com/LZ63dmVlmy
— Niraj Bhatia (@bhatia_niraj23) April 17, 2018
उधर पीड़िता ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि वह आगामी सुनवाई के दौरान कोर्ट में केस वापसी का विरोध करेगी। पीड़िता के मुताबिक 25 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वामी चिन्मयानंद के आश्रम आए थे। उनके साथ कार्यक्रम में भाग लिए थे। इन सब करीबी रिश्तों की वजह से ही शासन स्वामी चिन्मयानंद पर दर्ज बलात्कार का केस वापस लेने की कोशिश में हैं। जिसमें पीड़िता की कोई सहमति नहीं है।