जवाहर बाग कांड के मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव के करीबी वीरेश यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वीरेश ने पुलिस के सामने कई नए खुलासे किए हैं। जानकारी के मुताबिक वीरेश ने पुलिस को बताया है कि रामवृक्ष को विभिन्न लोगों से सोना और नकदी मिलता था। स्वेच्छा से लोगों ने रामवृक्ष को लाखों रुपए के अलावा करीब 15 किलो सोना दिया था। इतना ही नहीं, यहां चलने वाले कैम्पों में लाठी चलाने के लिए राजवीर नाम का एक शख्स आता था।
वीरेश 2 जून की घटना के बाद से गायब था और मथुरा पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश भी दे रही थी लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद पुलिस ने उस पर 15 हजार रुपए का इनाम भी रखा था। मथुरा की एक कालोनी में पकड़े गए वीरेश यादव ने पुलिस को जवाहर बाग कांड से जुड़ी कई अहम जानकारियां दी हैं।
15 हजार के इनामी अपराधी वीरेश यादव ने बताया कि जवाहर बाग में उसे सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया और पूरे जवाहर बाग में दर्जनभर से अधिक सुरक्षा चौकी बनाई गई थीं। इसमें पहले चार-छह आदमी होते थे लेकिन बाद में इनकी संख्या बढ़ा दी गई। एसएसपी बबलू कुमार का कहना है कि पूछताछ में अहम जानकारियां पुलिस को मिली हैं जिसकी छानबीन की जा रही है। उन्होंने बताया कि जवाहर बाग में ये लोग पागल दल के नाम से ग्रुप बना कर रहते थे। इस ग्रुप में ज्यादातर वो ही लोग रहते थे जो ज्यादा गुस्सैल हुआ करते थे और किसी साथ भी मारपीट करने पर उतारू रहते थे। वीरेश ने पूछताछ में बताया कि रामवृक्ष के दो लड़के भी जिनमें से विवेक सोशल मीडिया पर सक्रिय रहता था और राजनारायण बाग में हमेशा सतर्क रहता था।