समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने नवाब परिवार को लेकर कहा था कि जो नवाब खानदान हैं, उनकी जो नस्लें हैं, उनको इतने वोट भी नहीं मिले होंगे, जितने कि रामपुर में किन्नर हैं। आजम खान के इस बयान पर रामपुर के नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां ने पलटवार किया है।
नावेद मियां कहा कि हिजड़ों की तो गिनती वही बेहतर जानते हैं, जिनका उनसे संबंध रहता है। मुझे तो पता नहीं रामपुर में कितने हिजड़े हैं। उन्होंने कहा कि आजम खान सबसे बड़ा डरपोक, कायर और बुझदिल आदमी है। जब वो सत्ता में नहीं होते उनकी हिम्मत नहीं कि सत्ता के विरोध में या विपक्ष में कुछ कर सकें तो किसी न किसी पर भड़ास निकलनी हैं। जो वो बोल रहे हैं, उसकी यही वजह है।
मियां ने कहा कि रामपुर में 2012-2017 के बीच मुसलमानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि उस दौर में गरीब मुसलमानों की जमीनों को छीना गया। उनको जबरदस्ती थानों में बैठाया गया। उन पर जुल्म-ज्यादती की गई। जिस पर जौहर यूनिवर्सिटी का मुकदमा चल रहा है। उन्होंने कहा कि 2012 से 2017 के बीच योगी की सरकार में न कोई मस्जिद, न मदरसा टूटा और न ही किसी की जमीन जबरदस्ती ली गई। उन्होंने कहा कि रामपुर में सबसे ज्यादा नुकसान आजम खान ने करवाया।
काजिम अली खान ने कहा कि नवाबों को आजम खां के किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। उनके बुरा कहने से हम बुरे नहीं हो जाएंगे। जिनके दामन पर 90 मुकदमों का दाग हो, उन्हें दूसरों पर अंगुली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारे दादा नवाब राजा अली खान थे। जिन्होंने ये रियासत मर्ज की। रामपुर की पहली रियासत जो हिंदुस्तान में मर्ज हुई। जिसकी वजह से प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू यहां पर गांधी जी की अस्थियां यहां लेकर आए, जो गांधी समाधि पर रखी हैं। उन्होंने कहा कि गांधी जी की अस्थिया या तो राजघाट पर हैं या रामपुर में हैं। उन्होंने कहा कि ये नूर महल है, जो राजनीति में आजम को हमेशा चुनौती देता है।
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान 27 महीने जेल में बंद रहने के बाद बाहर आ चुके हैं। इस बीच रामपुर में लोकसभा का उपचुनाव भी हो रहा है और आजम खान अब अपने पुरान रंग में आते दिखाई दे रहे हैं। रामपुर उपचुनाव के प्रचार के दौरान सपा नेता आजम खान अपने भाषण में नवाबों का जिक्र मर्यादा लांघ गए थे।