पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस को झटके लगना जारी है। सुवेंदु अधिकारी और राजीव बनर्जी के बाद अब तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि त्रिवेदी अब भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

इस्तीफे के दौरान दिनेश त्रिवेदी ने कहा, “मुझे जब बेस्ट सांसद का अवॉर्ड मिला तब भी कहा कि मेरे मां बाप ने हमें उस लायक बनाया। आज हम देखते हैं कि पूरी दुनिया हिंदुस्तान की तरफ देख रही थी। बहुत अच्छी तरह सबने मिलकर काम किया। प्रधानमंत्री ने सबको क्रेडिट दिया लेकिन नेतृत्व उनका था। हमारे प्रांत में जिस तरह से हिंसा हो रही है। मुझे बैठे-बैठे बड़ा अजीब लग रहा है। हम उस प्रदेश से आते हैं जहां रविंद्र नाथ टैगोर, खुदी राम बोस जैसे लोग हुए।

उन्होंने एक कविता भी सुनाई और कहा असल में हम जन्मभूमि के लिए ही हैं। हम करें तो क्या करें। हम एक पार्टी में हैं लेकिन अब मुझे थोड़ी घुटन महसूस होती है कि हम कुछ कर नहीं पा रहे। उधर आत्याचार हो रहा है। मेरी आत्मा की आवाज आज यही कह रही है। स्वामी विवेकानंद को कोट करतेहुए उन्होंने कहा, अगर यहां बैठकर चुपचाप रहो और कुछ न कह सको तो इससे अच्छा त्यागपत्र दो और अपनी भूमि पर कुछ करो। मैं यहां से इस्तीफा दे रहा हूं और मैं देश के लिए बंगाल के लिए हमेशा काम करूंगा।”

टीएमसी ने भी दिया बयान: दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे पर टीएमसी सांसद सुखेंदु रॉय ने कहा कि तृणमूल का मतलब होता है जमीन से जुड़ा। त्रिवेदी के इस्तीफे के बाद अब हमें जल्द राज्यसभा में जमीन से जुड़े कार्यकर्ता भेजने का मौका मिलेगा।

कौन हैं दिनेश त्रिवेदी?: दिनेश त्रिवेदी 2009 से 2019 तक बंगाल की बैरकपुर सीट से लोकसभा सांसद रहे हैं। इसके बाद उन्हें 2020 में राज्यसभा भेजा गया। त्रिवेदी पहले दो बार 1990-96 और 2002-2008 तक राज्यसभा सदस्य रह चुके थे। उन्हें केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में 2010 से 2011 तक स्वास्थ्य राज्यमंत्री और इसके बाद 2011 से 2012 तक रेल मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्हें 2016-17 सत्र के लिए बेस्ट सांसद का अवॉर्ड दिया गया था।