राजस्थान के पाली जिले के सुंदरनगर स्थित एक स्कूल के बच्चों ने आपसी सहयोग से अपनी शिक्षिका की मदद कर उनकी शादी कराई। बच्चों ने खुद पैसे मिलाकर उनको गुरु दक्षिणा दी और उनकी शादी की व्यवस्था की। शिक्षिका के माता-पिता और भाई नहीं हैं। इसकी वजह से बच्चों ने स्कूल के स्टाफ और प्रबंधन के साथ मिलकर अनूठा सहयोग किया। शिक्षिका ने पांच साल में सिरफ् छह छुट्टियां ली हैं।

बच्चों को पढ़ाकर चुकाएंगी गुरुदक्षिणा: स्कूल की शिक्षिका हेमा प्रजापत को 1200 छात्रों ने अपने जेब खर्च से 1 लाख 71 हजार एकत्र किए। बच्चों ने 10 दिसंबर को शादी की। बारातियों का स्वागत रिश्तेदारों ने किया। शिक्षिका के मुताबिक वह बच्चों के इस गुरुदक्षिणा को उनको पढ़ाकर वापस करेगी। बोलीं कि बच्चों के इस कार्य से वह भावुक हैं। ऐसा सहयोग की उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी। शिक्षिका को महिला दिवस पर श्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान और 51 हजार रुपए का पुरस्कार भी मिला था।

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बचपन में ही खो दी थी माता-पिता को : शिक्षिका ने बताया कि छह महीने की उम्र में ही उनके पिता का निधन हो गया था। 16 साल की उम्र में मां भी नहीं रहीं। वह खुद छोटी बहन को पढ़ाई -लिखाई और उनका पालन पोषण किया। वह स्कूल में दो घंटे अधिक समय देकर गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाती हैं। छुट्टी के दिन भी वह बच्चों को अतिरिक्त क्लास लेकर उनकी मदद करती हैं।

कहा सहयोग कभी भूल नहीं पाएंगी : शिक्षिका हेमा प्रजापत गणित विषय में प्रथम श्रेणी में एमएससी की हैं और बीएड पास हैं। उनका कहना है कि वह बच्चों के इस व्यवहार और मदद के बदले उनको और पढ़ाएंगी। साथ ही उन्होंने स्कूल प्रबंधन और स्टाफ के सहयोग के बदले स्कूल को और बेहतर बनाने में मदद करेंगी। स्कूल प्रबंधन, स्टाफ और बच्चों के इस सहयोग को वह कभी भूल नहीं पाएंगी।