सूचना के अधिकार के तहत प्रशासन से लेकर सरकार तक पूछ गए सवाल या जानकारी पर जवाब देती है। लेकिन आरटीआई के तहत ही राजस्थान में एक भद्दे किस्म का जवाब दिया गया। यहां पुराने अखबार में इस्तेमाल किए गए कंडोम रख जवाब में दिए गए हैं। आरटीआई के तहत विकास चौधरी और मनोहर लाल ने पंचायत के प्रोजेक्ट्स की जानकारी मांगी थी। यह जानकारी बीते साल अप्रैल में मांगी गई थी।
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, मामला राज्य के हनुमानगढ़ जिले की भद्रा तहसील के छनी बाड़ी इलाके का है। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत 16 अप्रैल को यहां के निवासी विकास चौधरी और मनोहर लाल ने ग्राम पंचायत में दो अलग-अलग आवेदन किए थे। आरटीआई के तहत 2001 से शुरु हुई विकास परियोजनाओं का विवरण मांगा गया था। जिसका जवाब अब आया है। जवाब में दोनों को दो लिफाफे दिए गए। जिसमें से एक लिफाफा में पुराने अखबार में लिपटे इस्तेमाल हुए कंडोम रखे थे।
खबर के अनुसार, ऐसा भद्दा जवाब पाकर दोनों ने दूसरा लिफाफा न खोलने का फैसला लिया। उन्हें शक था कि दूसरे में भी पहले जैसा ही जवाब मिलेगा। साथ ही बीडीओ को फोन कर उनके सामने ही दूसरा लिफाफा खोलने का अनुरोध किया। हालांकि बीडीओ ने दोनों का अनुरोध ठुकरा दिया। जिसके बाद दोनों ने अन्य लोगों की मौजूदगी में और सबूत के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग कर दूसरा लिफाफा खोला। यहां दोनों का शक सही निकला और उसमें भी पुराने जैसा जवाब था।
ऐसे भद्दे जबाव के बाद मनोहर लाल ने कहा कि, क्या कोई सरकारी संस्था इस तरह से काम करती है। ऐसे भद्दे जवाब के बाद मानसिक तौर पर परेशान हूं। वहीं, इस मसले पर हनुमानगझढ़ जिला परिषज के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर नवनीत कुमार ने बताया कि, ऐसा जवाब सरकारी सिस्टम में एंट्री कर किसी बाहरी आदमी आदमी ने दिया है।