Sukhdev Singh Gogamedi: सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में अभी पुलिस खाली हाथ है लेकिन पुलिस को एक ऐसा व्यक्ति मिला है, जो अपनी गाड़ी में शूटर्स को सुजनागढ़ ड्रॉप करने का दावा कर रहा है। योगेश शर्मा नाम का यह शख्स कार चलाता है। उसने मीडिया से बातचीत में बताया कि एक जानकार के फोन आने के बाद वह दो लड़कों को सुजानगढ़ छोड़कर आया है। जिन लड़कों को ड्रॉप किया है, वो कभी सालासर, कभी लाडनूं तो कभी हिसार चलने के लिए कह रहे थे।

योगेश शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा, “परसों रात को मैं अस्पताल गया हुआ था तो मेरे पास एक कॉल आया, मेरे साथ ही रहता है एक लड़का, जिसको भी इस घटना का कुछ भी नहीं पता था। वो अपनी शॉप से आया था पेट्रोप पंप की तरफ तो उसका कॉल आया कि दो सवारी छोड़नी हैं सुजानगढ़ तो मैंने बोला ठीक है छोड़ दूंगा… फिर मैं घर पर वाइफ को ड्रॉप करके वापस चला गया। वो दोनों पीछे वाली सीट पर बैठ गए।”

योगेश शर्मा ने बताया कि उसके दो और साथी उसके साथ सुजानगढ़ तक गए थे। उसने बताया, “…जिसका कॉल आया था और एक लड़का और साथ में था, जो मेरे साथ ही रहता है… वो एक लड़का पीछे बैठ गया और एक लड़का आगे की तरफ बैठ गया…उनको मैं बोला- आप दोनों चलो, रात का टाइम है, दो लड़कों को छोड़ना है… आपने फोन किया तो साथ में सेफ्टी रहेगी… नाइट का टाइम है तो हम चले गए… फिर उन्होंने हमें 1500 रुपये पेट्रोल पंप पर दे दिए लाडनूं पुलिया के पास में, जो पेट्रोल पंप है डीडवाना में…. तेल डलवाकर वहां से सुजनागढ़ की तरफ रवाना हो गए।”

‘अलग-अलग जगह चलने के लिए बोल रहे थे’

कार चालक ने बताया, “रास्ते में वो कभी बोल रहे हैं कि हमें चुरू छोड़ दो, हिसार छोड़ दो, सालासर छोड़ दो… मैं बोला- भैया, आप एक बार बता दो जाना कहां है, तो वो बोला हिसार छोड़ दो… मैंने कहा हिसार के ज्यादा पैसे लगते हैं तो वो बोला- 10, 15, 20 हजार लग जाएं हमें कोई दिक्कत नहीं है, हमें हिसार छोड़ दो… तो मैं बोला- भैया, हमारे घर वाला इजाजत नहीं देते 10 बजे के बाद में… तो वो बोले ठीक है फिर सुजानगढ़ की तरफ चलो… वहां से कोई साधन देखते हैं…”

योगेश शर्मा ने बताया कि जब उसने शूटर्स को ट्रेन से जाने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि वो आराम से बस या ट्रैक्सी में जाएंगे। उसने बताया, “…फिर उनको एक बस दिखाई दे गई सुजानगढ़ बस स्टैंड पर… दिल्ली-नौखा लिखा हुआ था उसपर…तो उन्होंने वहीं पर गाड़ी रुकवा ली और उसी बस के कंडेक्टर से बात करने लगे कि हमें हिसार जाना है, कंडेक्टर ने कहा हम हिसार तो नहीं जाएंगे, पर वो बात करते रहे…”

‘फ्रेंडली बात कर रहे थे’

कार चालने ने बताया कि शूटर्स ने उन्हें बिलकुल भी आभास नहीं होने दिया कि वो मर्डर करके आ रहे हैं। योगेश शर्मा ने बताया, “उन्होंने हमें आभास भी नहीं होने दिया कि उन्होंने मर्डर किया है। आराम से बात कर रहे थे और वो हरियाणवी भाषा में बात कर रहे थे। मैं पूछ भी रहा था कि आप इधर क्यों आए हो… वो एकदम आराम से फ्रेंडली बात करते हुए जा रहे थे। लाडनूं के पास पहुंचते ही वो कभी सालासर, कभी सुजानगढ, कभी हिसार, कभी चुरू बोल रहे थे…. हमने उन्हें वहीं सुजानगढ़ में छोड़ दिया था…”

कब पता चला वो शूटर हैं?

योगेश शर्मा ने आगे कहा, “मैं रात को लेट आया था…साढ़े ग्यारह बज गए थे तो दूसरे दिन जब मैं उठा तो हमारी शॉप है, उसपर कोई नहीं गया था तो मैं बोला गए क्यों नहीं तो पता लगा आज मार्केट बंद है किसी की हत्या हुई है। मैंने न्यूज देखी थी, वीडियो देखे थे स्टेटस पर, स्टेटस को जैसे ही जूम किया तो मुझे लगा कि ये तो रात वाले ही लड़के हैं जिनको ड्रॉप किया था… तो मैंने घर पर बताई सारी घटना कि ऐसा हुआ था… इनको मैं ड्रॉप करके आया था…फिर घरवालों ने मुझे कजिन अंकल के पास में भेजा, वहां कोई नहीं था… फिर मैंने शाम के टाइम 6-7 बजे के करीब अंकल को फोन लगाया… उन्हें सारी बात बताई… तो उन्होंने बोला कि पुलिस की मदद करनी चाहिए तुझे… थाने में चला जा CI साहब को बता…”