फिल्म पद्मावती का विरोध कर रहे करणी सेना ने पद्मावती पर राजपूतों के गुस्से की तुलना जौहर की ज्वाला से की है। संगठन का कहना है कि इस विवाद में बहुत कुछ जलेगा, जो रोकना चाहे वो रोक सकता है। करणी सेना के मुखिया लोकेन्द्र सिंह कल्वी ने कहा कि, ‘ये जौहर की ज्वाला है, बहुत कुछ जलने वाला है, जिसे रोकने की हिम्मत है वो रोक ले।’ राजपूत करणी सेना ने राजस्थान के कोटा में फिल्म पद्मावती का महज ट्रेलर दिखाने पर एक सिनेमा हॉल में तोड़ फोड़ की थी, और इस फिल्म को रिलीज ना होने देने की धमकी दी थी। करणी सेना के सदस्यों की यह हरकत कैमरे में रिकॉर्ड हो गई थी। करणी सेना शुरूआत से ही इस फिल्म के रिलीज होने देने के खिलाफ है। लोकेन्द्र सिंह कल्वी ने कहा कि इस फिल्म को बनाने वालों को राजपूतों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं बार-बार ये बताना चाहता हूं कि उनके अनुशासन को चेक नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि अगर राजपूत समाज अनुशासन की परीक्षा में फेल हो गया तो ये स्थिति देश के लिए अच्छी नहीं होगी।’ लोकेन्द्र सिंह ने कोटा में इस फिल्म का ट्रेलर दिखाने पर सख्त आपत्ति जताई और कहा कि सिनेमा हॉल मालिकों को लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने खुद भी कहा कि वे इस मुद्दे पर बवाल नहीं चाहते हैं।
Jauhar ki jwala hai, bahut kuch jalega. Rok sako to rok lo: Lokendra Singh Kalvi, Rajput Karni Sena #Padmavati pic.twitter.com/SUGtLLBSH0
— ANI (@ANI) November 15, 2017
बता दें फिल्म ‘पद्मावती’ में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म एक दिसंबर को सिनेमा घरों में रिलीज होने जा रही है। करणी सेना का आरोप है कि इस फिल्म में रानी पद्मावती के चरित्र को गलत तथ्यों के साथ पेश किया जा रहा है, और उन्हें ये कबूल नहीं है। काल्वी ने कुछ ही दिन पहले कहा था, “हम किसी भी कीमत पर फिल्म में विकृत तथ्यों को दिखाए जाने की अनुमति नहीं देंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि फिल्म भारत के आधे हिस्से में प्रदर्शित ना हो सके।”करणी सेना ने दावा किया कि किसी भी किताब में यह नहीं लिखा की 13वीं-14वीं सदी में दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश के एक शक्तिशाली शासक अलाउद्दीन खिलजी को पद्मावती से प्यार हुआ था या वह उनका प्रेमी था। करणी सेना के एक कार्यकर्ता ने कहा, “वे ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत करके पद्मावती को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।”
इधर फिल्म इंडस्ट्री के कई कलाकारों ने फिल्म का विरोध कर रहे संगठनों से यह अपील की है कि अगर सेंसर बोर्ड ने फिल्म को मंजूरी दे दी है तो इसे रिलीज होने दिया जाना चाहिए। फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली ने करणी सेना को रिलीज से पहले फिल्म दिखाने की भी पेशकश की थी, लेकिन करणी सेना ने कहा कि उसे ये फिल्म इतिहासकारों और बुद्धिजीवियों को दिखानी चाहिए।
