राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान कर दिया है कि अब से राज्य में लाल बत्ती होने पर सीएम के काफिले को भी रुकना पड़ेगा। राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि पूरे राज्य में वीवीआईपी प्रोटोकॉल को समाप्त किया जाएगा। इसका मतलब ये है कि मुख्यमंत्री को भी आम आदमी की तरह ट्रैफिक के हर नियम का पालन करना होगा। बताया जा रहा है कि सीएम द्वारा डीजीपी को भी इस फैसले के निर्देश दे दिए गए हैं और इन्हें तुरंत लागू करने के लिए कहा गया है।

जानकारी के लिए बता दें कि जब तक वीवीआईपी कल्चर रहता था तो सीएम की गाड़ी आने पर पूरे ट्रैफिक को काफी देर के लिए रोक दिया जाता था। कई मौकों पर तो इस वजह से एंबुलेंस को भी रोकना पड़ता था, मरीजों को दिक्कत होती थी, आम नागरिक घंटों फंसा रहता था। इसी मुश्किल और दिक्कत को समझते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल ने जनता के हित में ये फैसला लिया है।

यहां समझने वाली बात ये है कि सीएम का ये आदेश सिर्फ उन तक लागू नहीं रहने वाला है, सरकार में जितने भी मंत्री हैं, उन्हें भी अब ट्रैफिक नियमों का पालन करना ही होगा। वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो खुद इसी विचारधारा में मानते हैं और उसी वजह से उन्होंने कई मौकों पर लाल किले की प्राचीर से लाल फीताशाही खत्म करने की बात भी कही। अब उसी कड़ी में राजस्थान सरकार ने भी अपने कदम बढ़ा दिए हैं और वीआईपी कल्चर पर कड़ा प्रहार किया है।

वैसे भजनलाल सरकार ने पिछले कुछ महीनों में कई बड़े फैसले लिए हैं। एक तरफ गैंगस्टर्स के खात्मे के लिए अलग फोर्स का गठन किया गया है तो वहीं पेपर लीक मामलों पर एसआईटी भी बना दी गई है। इसके अलावा केंद्र की सभी योजनाओं को समय रहते लागू करने के लिए भी एक अलग कमेटी बनाई गई है। बड़ी बात ये है कि यूसीसी को लेकर भी राज्य सरकार ने मंथन शुरू कर दिया है।