राजस्थान में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा चुनाव लड़ रहे बिजनेसमैन सुभाष चंद्रा ने सचिन पायलट को खास सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अगर पायलट उन्हें सपोर्ट करते हैं तो कांग्रेस नेता को काफी फायदा होगा और उन्हें इस मौके का फायदा उठाना चाहिए। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि अगर सचिन पायलट ने उन्हें सपोर्ट नहीं किया तो, पायलट 2028 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे।
सुभाष चंद्रा ने कहा कि सचिन पायलट के पिता, राजेश पायलट, उनके दोस्त थे। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट के पास अब एक “युवा और लोकप्रिय नेता” के रूप में एक अवसर है। उन्होंने कहा, “वह इस अवसर का इस्तेमाल बदला लेने या संदेश भेजने के रूप में कर सकते हैं। अगर सचिन पायलट इस अवसर से चूक जाते हैं, तो वह 2028 तक मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे।”
सचिन पायलट ने भी दिया जवाब
सुभाष चंद्रा के इस बयान पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें नसीहत दी है। उन्होंने कहा, “10 तारीख को मतदान से पहले प्रतियोगिता से बाहर होना सबसे अच्छा है। अपमान के बजाय विनम्रता की ओर झुकना बेहतर है। दुर्भाग्य से, राजनीति टीवी श्रृंखला बनाने की तरह नहीं है।”
सुभाष चंद्रा का दावा, कुछ कांग्रेस विधायकों के साथ हैं संपर्क में
दरअसल, राज्यसभा चुनाव में सुभाष चंद्रा को भारतीय जनता पार्टी का समर्थन मिलने के बाद आठ विधायकों की आवश्यकता है। उनका दावा है कि वह कांग्रेस विधायकों द्वारा क्रॉसवोटिंग के माध्यम से जीत जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के चार विधायक पहले से ही उनका समर्थन कर रहे हैं और उनके पक्ष में ‘आठ क्रॉसवोट’ करेंगे। उन्होंने जयपुर में संवाददाताओं से कहा, “कांग्रेस के कुछ विधायक मेरे साथ गुप्त रूप से संपर्क में हैं और मैं राज्यसभा चुनाव जीतने जा रहा हूं।” हालांकि उन्होंने किसी का नाम लेने से इनकार कर दिया।
जानें किसको कितने वोटों की जरूरत
राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने जा रहा है। कांग्रेस के पास प्रदेश की विधानसभा की 108 सीटें हैं। एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए कम से कम 41 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होती है, इस तरह कांग्रेस दो सीटें आसानी से जीत जाएगी। वहीं, बीजेपी के पास 71 विधायक हैं, तो उसकी एक राज्यसभा सीट पक्की है। चंद्रा के मैदान में होने से बड़ी दौड़ एक सीट के लिए होगी, जिसे कांग्रेस बरकरार रखने की कोशिश कर रही है।
भाजपा के पास एक सीट जीतने के बाद 30 वोट बचते हैं, जिनका समर्थन सुभाष चंद्रा को मिलेगा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के तीन विधायकों का भी समर्थन उन्हें ही मिलेगा। इसके बाद भी चंद्रा को आठ और विधायकों के समर्थन की जरूरत है।
वहीं, कांग्रेस ने दावा किया है कि उसके पास 123 विधायकों का समर्थन है- उनमें से 12 निर्दलीय और दो सीपीएम के हैं। हालांकि, इसके बावजूद, तीन और वोटों की जरूरत होगी, जिसके लिए उसकी नजर भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायकों पर है।