राजस्थान में भी ब्लू व्हेल गेम ने पैर पसार लिए हैं। जयपुर और जोधपुर में सितंबर में ही दो घटनाएं सामने आने के बाद अभिभावकों के साथ ही पुलिस ने बच्चों के इस मौत के खेल के प्रति सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। इस मामले में पुलिस महानिदेशक ने पहल कर सभी जिलों के पुलिस तंत्र को दिशा निर्देश जारी कर उन्हें जागरूकता अभियान चलाने को कहा। इस खतरनाक गेम का शिकार जयपुर के करणी विहार इलाके का एक 17 साल का बच्चा हो गया था। पुलिस ने समय रहते इस बच्चे को मुबंई से पकड़ लिया और परिजनों को सौंप दिया। इससे बच्चे की जान बच गई। कक्षा दस में पढ़ने वाला यह बच्चा इस खेल के चक्कर में पड़ कर घर वालों को बताए बगैर मुंबई तक पहुंच गया था। पुलिस और परिजनों की सतर्कता से बच्चे को घर तो ले आया गया पर घटना ने हर माता पिता को हिला कर रख दिया। पुलिस का कहना है कि अभी कितने बच्चे इस खेल के जाल में फंसे हुए है कुछ नहीं कहा जा सकता।
पुलिस ने बताया कि यह बच्चा 21 अगस्त को घर से गायब हो गया था और उसे पांच दिन बााद 25 अगस्त को मुंबई से बचा लाई। बच्चे को गेम के आखिरी क्षणों में ही बचाया गया। जयपुर डीसीपी अशोक गुप्ता ने बताया कि छात्र के लापता होने की रिपोर्ट के बाद उसके मोबाइल की लोकेशन के आधार पर उसे बचाने में सफलता मिली। इसी तरह का एक मामला सितंबर के पहले हफ्ते में जोधपुर में 16 साल की किशोरी का सामने आया। जोधपुर की इस किशोरी को टास्क पूरा करने के लिए स्कूटी सहित पहाड़ी क्षेत्र में झील में कूदने का था। किशोरी परिजनों से बाजार जाने को कह कर घर से निकली थी। इस किशोरी को भी मोबाइल के आधार पर ही पुलिस ने झील में कूदने से पहले ही बचा लिया। पुलिस महानिदेशक अजीत सिंह ने गहरी चिंता जताते हुए सभी जिला एसपी को निर्देश जारी करते हुए सभी कॉलेज और स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाने को कहा। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि अधिकारी ब्लू व्हेल गेम के दुष्परिणामों की जानकारी और उसके निराकरण के लिए शिक्षण संस्थानों में जाकर अभिभावकों के सामने खेल से जुड़े तथ्यों और होने वाली अनहोनी की जानकारी साझा करें।
इसके लिए पुलिस मनोचिकित्सक और जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी का भी सहयोग लेंगे। महानिदेशक अजीत सिंह ने लोगों से अपील भी की कि वे अपने बच्चों के साथ दोस्ताना बर्ताव रखते हुए उनकी व्यक्तिगत समस्याओं को सुलझाने में सहयोग करें। बच्चों के व्यवहार और गतिविधियों में आए बदलाव पर नजर रखें ताकि इस खतरनाक खेल के शिकार होने से उन्हें बचाया जा सके। महानिदेशक का कहना है कि ब्लू व्हेल गेम साइबर क्राइम का ही एक रूप है जो युवक युवतियों के लिए प्राणघातक साबित हो रहा है। इसकी रोकथाम के लिए पुलिस की साइबर सेल को भी सतर्क कर दिया गया है।