राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने अगले विधानसभा चुनाव में फिर से सरकार बनाने का दावा किया है। राजे ने लापरवाह और भ्रष्ट कर्मिकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चाहे कोई कितना ही बड़ा व्यक्ति क्यों नहीं हो जो भी गलती करेगा बख्शा नहीं जाएगा। भले ही मेरा बेटा (सांसद दुष्यंत) ही क्यों न हो। कृषि बिजली की दरों में हालिया कटौती के लिए धन्यवाद देने आये सीकर के किसानों को सम्बोधित करते हुए राजे ने मंगलवार (21 फरवरी) को कहा कि एक बार इन्हें (भाजपा) और एक बार उन्हें (कांग्रेस) अवसर देने की परिपाटी प्रदेश के विकास में बाधक है। हमने अपने पूर्व के कार्यकाल में बिजली क्षेत्र में आमूल चूल परिवर्तन कर बिजली तंत्र को मजबूत किया लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसे तहस नहस कर दिया। लेकिन इस बार यह परम्परा टूटेगी और हम फिर से भाजपा की सरकार बनाएंगे।

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भ्रष्ट कार्मिकों के खिलाफ शिकंजा कस रहा है और परिणाम सबके सामने है। इस बार पहले की गलतियां दोहरायी नहीं जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी के कहने-सुनने से नहीं, बल्कि उन्होंने कृषि बिजली की दरों में कमी किसानों की पीड़ा को देखकर की है। कांग्रेस ने अपने पिछले कार्यकाल में प्रतिवर्ष बिजली की दरों को बढ़ाने का कैबिनेट में फैसला लिया था। आज वहीं कांग्रेस हमसे पूछ रही है कि बिजली की दरें क्यों बढ़ाई। ये उन्हीं का फैसला है, हमारा नहीं। इसके बावजूद हमनें किसानों को राहत दी हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विधायक अशोक परनामी ने भी किसानों को सम्बोधित किया।

राजस्थान खनन नीति में संशोधन, सभी खानों की होगी ई-नीलामी

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार (21 फरवरी) को सम्पन्न हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में राज्य की खनिज नीति-2015 में संशोधन और सभी खानों की ई-नीलामी सहित कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए। संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने संवादाताओं को राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि खनन पट्टों के वितरण में पारदर्शिता एवं प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए सभी प्रकार के पट्टों का आवंटन ई-टेंडरिंग के माध्यम से करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने बताया कि निजी खातेदारी की जमीन पर पट्टे जारी करने पर खनन का पहला हक खातेदार का होगा। निजी खातेदारी के पट्टे की नीलामी भी ई-टेंडरिंग के जरिए की जाएगी। राठौड़ ने बताया कि राजस्थान खनिज नीति-2015 में मंत्रिमण्डल द्वारा स्वीकृत संशोधनों के तहत सभी नए खनन पट्टे 50 वर्ष की अवधि के लिए तथा नए क्वारी लाइसेंस 30 वर्ष के लिए जारी किए जाएंगे। जिन खनन पट्टों एवं क्वारी लाइसेंस की अवधि 31 मार्च, 2022 तक समाप्त हो रही है, उनकी अवधि 31 मार्च, 2025 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।