केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इस आपा-धापी के जीवन में भी लोग परम्पराओं को साथ लेकर चल रहे हैं और यह हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। उन्होंने माता पिताओं से आहवान किया कि वे अपने बच्चों को भगवान कृष्ण की तरह ही सादगी से रहने की सीख देकर स्वस्थ भारत बनाने में योगदान दें। ईरानी ने गुरुवार (25 अगस्त) कको यहां ई टीवी की ओर से कृष्णाअष्टमी के मौके पर आयोजित बाल गोपाल प्रतियोगिता कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृष्ण ने भगवान होते हुए भी गुरुकुल में जाकर शिक्षा ग्रहण की तथा सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त किया। अपना जीवन सादगी से बिताया, आम बच्चों के साथ खेले कूदे। उन्होंने कहा कि कृष्णाअष्टमी के मौके पर माता पिता अपने बच्चों को सादगी से जीवन बिताने का संस्कार दें तो यह हमारी सबसे बड़ी सौगात होगी।
कार्यक्रम में काफी संख्या में मौजूद परिजनों की उपस्थिति पर स्मृती ने कहा कि लालाओं (बच्चों) की तरह ही उनकी माताओं को यहां देखकर और उनके पिताओं को हर पल की फोटो लेने के लिए उतावले देखकर मुझे अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है क्योंकि बच्चों के स्कूल भेजने के लिए उन्हें यूनिफॉर्म पहनाना ही कामकाजी अभिभावकों के लिए एक संघर्ष है, लेकिन सजी माताओं को देखकर और फोटो लेने के लिए प्रयास कर रहे पिता को देखकर अच्छा लग रहा हैं। उन्होंने परिजनों से आग्रह किया कि बच्चों को प्रकृति के करीब रहने और खेलने कूदने के लिए प्रोत्साहित करें।
उन्होंने कहा कि कई बच्चों को माता का आंचल नहीं मिलता तो कई को पिता का प्यार नहीं मिलता। ऐसे बच्चों (अनाथ बच्चों) को आज के दिन हम कुछ सौगात दे सकते हैं। उनके इस सुझाव पर ई टीवी के जगदीश चन्द्र ने पांच लाख रुपए की राशि से बाल गोपाल कोष बनाने की घोषण की। उन्होंने कहा कि बाल गोपाल कोष से राशि अनाथ बच्चों की परवरिश और अध्ययन के काम में खर्च की जाएगी। केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने परिवार और अपने दो बच्चों की ओर से इक्यावन हजार रुपए तथा जयपुर सांसद राम चरण बोहरा ने भी इक्यावन हजार रुपए इस कोष में देने की घोषणा की।

