लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही राजस्थान के 25 संसदीय क्षेत्रों में से 18 को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिला। हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने मंत्रिपरिषद का विस्तार किया था। बाकी सात में से तीन लोकसभा क्षेत्रों से कांग्रेस का कोई विधायक नहीं है। 24 दिसंबर को जयपुर में 23 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई, जिनमें से 18 पहली बार मंत्री बने हैं। उनमें से 13 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्य मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में सिकराय विधायक ममता भूपेश इकलौती महिला मंत्री हैं, और पोकरण के विधायक शैले मोहम्मद एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं।

भरतपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीतने वाले कांग्रेस के चुनाव पूर्व गठबंधन सहयोगी रालोद के एकमात्र विधायक सुभाष गर्ग को मंत्रालय में शामिल किया गया है। 25 नए विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। मंत्रियों को अभी तक विभाग आवंटित नहीं किए गए हैं। राज्य के 33 जिलों में से 14 को मंत्रिमंडल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। वहीं जयपुर और भरतपुर जिलों के कैबिनेट में तीन-तीन विधायकों को जगह मिली है, दौसा और बीकानेर जिलों से मंत्रालय में दो-दो विधायकों को जगह मिली है।

नई दिल्ली में पार्टी प्रमुख राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा के बाद गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित राज्य के कांग्रेस नेताओं द्वारा मंत्रिपरिषद के नामों को फाइनल किया गया। पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी के विधायक जिन्होंने “मोदी-लहर” के बावजूद 2013 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी, उन्हें भी मंत्री पद दिया गया। इनमें रमेश मीणा, गोविंद डोटासरा, भंवर सिंह भाटी, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना और राजेंद्र यादव शामिल हैं। यह सभी पहली बार मंत्री बने हैं। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने समारोह में मंत्रियों को पद की शपथ दिलाई।

कैबिनेट मंत्रियों में बीडी काल्ला, शांति कुमार धारीवाल, परसादी लाल मीणा, मास्टर भंवर लाल मेघवाल, लाल चंद कटारिया, रघु शर्मा, प्रमोद जैन भाया, विश्वेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश चंद मीना, उदयलाल अंजना, प्रताप सिंह खाचरियावास और शालीन मोहन हैं। वहीं राज्य मंत्रियों में गोविंद सिंह डोटासरा, ममता भूपेश, अर्जुन सिंह बामनिया, भंवर सिंह भाटी, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना, टीका राम जूली, भजन लाल जाटव, राजेंद्र सिंह यादव और रालोद के सुभाष गर्ग शामिल हैं। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के न दिखने पर राज्य के कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उनमें से कुछ को संवैधानिक पद दिए जा सकते हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और नवनिर्वाचित विधायकों सी पी जोशी, दीपेंद्र सिंह, परसराम मोर्डिया और भंवरलाल शर्मा सहित अन्य को मंत्री नहीं बनाया गया है।