आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य में छपे एक लेख में राजस्थान की भाजपा सरकार को जयपुर की हिंगोनिया गौशाला में हुई गायों की मौत पर जमकर लताड़ लगाई है। ईश्वर बैरागी ने पांचजन्य के लिए लिखे गए अपने लेख में आरएसएस स्वयंसेवकों द्वारा हिंगोनिया गौशाला में गायों की देखभाल करने के लिए सराहना भी की है। बैरागी ने राज्य सरकार की इस मामले नाकामियों को गिनाते हुए लिखा है कि स्थिति खराब होने पर सरकार ने अपनी कारगुजारियों के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने लिखा है कि हिंगोनिया गौशाला में गायों की मृत्यु के बाद आरएसएस स्वयंसेवकों ने सराहनीय काम किया लेकिन, उनके इस निस्स्वार्थ भाव से की गई सेवा का कहीं भी जिक्र नहीं हुआ।
बैरागी ने अपने आर्टिकल में इस घटना को सरकार की उपेक्षा का नतीजा बताया है और गौशाला को फिर से पुर्नजीवन देने के लिए आरएसएस स्वयंसेवकों द्वारा किए गए कठिन परिश्रम की सराहना की है। हालांकि, यह पहला अवसर नहीं है जब राज्य की वसुंधरा राजे सरकार को आरएसएस ने अपने निशाने पर लेते हुए आलोचना की है। इससे पहले जयपुर में मेट्रो निर्माण के लिए तोड़े गए मंदिरों के लिए भी आरएसएस ने सरकार के खिलाफ आक्रामक प्रदर्शन किया था। गौरतलब है कि गायों की मृत्यु के बाद हो रही किरकिरी के चलते राज्य सरकार ने हिंगोनिया गौशाला को ‘गौशाला’ की जगह ‘रीहैबलिटेशन सेंटर’ बताया था। लेख में कई आरएसएस नेताओं ने अपने वक्तव्य में कहा है कि हिंगोनिया गौशाला प्रकरण के बाद देशभर के ‘गउ भक्तों’ की भावना आहत हुई है।
गौरतलब है कि जयपुर के हिंगोनिया गौशाला में सैकड़ों गायों ने दम तोड़ दिया था। गौशाला में गायों की स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पा रहे थे।गौशाला में बारिश के बाद कीचड़ और दलदल में गायें बिना खाए-पिये लंबे समय तक रह रहीं थीं जिसके बाद उन्हें इनफेक्शन हो गया था। इस मामले में घिरने के बाद राजस्थान सरकार के गो पालन मंत्री ओटाराम देवासी का ने हिंगोनिया गौशाला को ‘कांजी हाउस’ बताया था, जहां आवारा गायें पकड़ कर लाई जाती हैं।
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