उड़ी हमलों के बाद पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा लक्षित हमले करने के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का असर सीमावर्ती जिले जैसलमेर में आने वाले पर्यटकों पर भी दिखाई पड़ने लगा है।भारत-पाक सीमा से लगते जैसलमेर जिले में सीजन के दौरान हर साल लाखों पर्यटकों का जमावड़ा लगता है, लेकिन इस वर्ष लक्षित हमलों के बाद आने वाले सीजन में पर्यटन क्षेत्र में इसका नकारात्मक प्रभाव दिखाई दे रहा है। दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव को देखते हुए जैसलमेर जिले में धोरों (सैंड ड्यून्स) का लुत्फ उठाने वाले कई पर्यटकों ने अपनी यात्रा निरस्त कर दी है।
जिले की ओर जाने वाली सड़कों पर वाहनों की रेलमपेल नहीं दिखाई दे रही है। सुदंर कारीगरी की वस्तुएं बेचने वाले दुकानदार और गाइड भी पर्यटकों की कमी महसूस कर रहे हैं। पर्यटकों द्वारा निर्धारित यात्रा निरस्त करने का असर होटल मालिकों और टूर आॅपरेटरों पर भी दिखाई दे रहा है। भारत पाकिस्तान की बीच चलते तनाव का असर शहर में भी साफ दिखाई दे रहा है। स्थानीय लोगों में दोनों देशों की बीच तनाव को लेकर चिंता नहीं है लेकिन पर्यटकों के नहीं पहुंचने की चिंता उन्हें सता रही है।स्थानीय गाईड सामी व्यास ने बताया कि सामान्य दिनों के मुकाबले सीजन के दिनों में पर्यटकों के नहीं पहुंचने के कारण स्थानीय लोगों के व्यवसाय पर सीधा प्रभाव पड़ा है।
स्थानीय गाइड सामी व्यास ने कहा ‘जिले से भारत-पाक अतंरराष्ट्रीय सीमा लगभग 150 किलोमीटर दूर है और स्थानीय लोगों में किसी भी तरह का तनाव नहीं है। लेकिन पर्यटन क्षेत्र में घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी को देखते हुए इसका असर स्थानीय लोगों में स्पष्ट दिखाई दे रहा है।’ उन्होंने कहा ‘नवरात्र के बाद से शुरू होने वाले पर्यटन सीजन में हजारों पर्यटक प्रतिदिन आते हैं लेकिन इन दिनों गिनती के ही पर्यटक आ रहे है।’ पटवा हवेली के एक अन्य स्थानीय गाईड ने बताया कि उन्हें इस सीजन में अच्छी शुरूआत की संभावना थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दोनों देशों के बीच तनाव के चलते पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। जब परिस्थितयां सामान्य होगी, तब पर्यटन क्षेत्र में सुधार होगा। जैसलमेर होटल एसोसियेशन के अध्यक्ष पृथ्वी सिंह ने बताया कि पर्यटकों ने अपनी बुकिंग निरस्त कर दी है और नई बुकिंग नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि तनाव का असर स्थानीय लोगों में नहीं है, लेकिन पर्यटकों ने समीावर्ती क्षेत्रों में कुछ भी होने की आशंका के चलते सुरक्षा की दृष्टि से यात्रा निरस्त कर दी है। निजी कारों, कैब, मिनी बसों और बसों से बड़ी संख्या में पर्यटक विश्व प्रसिद्व सोनार किला, गढ़ीसर झील, पटवों की हवेली, रेत के धोरों और तनोट माता के मंदिर में पहुंचते हैं।