Rajasthan News: रूस में पढ़ाई कर रहे राजस्थान के एमबीबीएस छात्र का शव इस हफ्ते मास्को से लगभग 1151 किलोमीटर उफा के पास एक डैम से बरामद किया गया। वह लापता होने के 19 दिन बाद मिला है। इससे संदिग्ध गतिविधि की आशंका पैदा हो गई है। रूप सिंह चौधरी का बेटा अजीत 2023 से बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था।
खबरों के मुताबिक, उसे आखिरी बार 19 अक्टूबर को सुबह करीब 11 बजे अपने हॉस्टल से दूध खरीदने के लिए निकलते हुए देखा गया था और उसने दूसरों से कहा था कि वह आधे घंटे में लौट आएगा। काफी कोशिशों के बावजूद अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है। अजीत के चाचा राजेंद्र सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि शव 6 नवंबर को मिला था और कॉलेज और विदेश मंत्रालय ने परिवार को इसकी सूचना दी थी।
अब परिवार रूसी मेडिकल बोर्ड द्वारा ऑटोप्सी का इंतजार कर रहा है। इस प्रोसेस में 2-3 दिन लगने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “हम अब और जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। हमें नहीं पता कि पोस्टमॉर्टम कब होगा या हमें अपने बच्चे का शव कब मिलेगा। उसके माता-पिता, जिन्होंने उसे रूस भेजने के लिए तीन बीघा जमीन बेच दी थी, बहुत दुखी हैं।”
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विदेश मंत्रालय ने रूसी दूतावास के अधिकारियों से बात की
अलवर सरस डेयरी के अध्यक्ष नितिन सागवान ने कहा कि चौधरी का शव व्हाइट रिवर के पास एक डैम में मिला और उसके साथ पढ़ने वाले अन्य भारतीय छात्रों ने उसकी पहचान की। सागवान ने कहा, “परिवार को बताया गया है कि विदेश मंत्रालय अब उनके अवशेषों को वापस लाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए रूस में भारतीय दूतावास और रूसी प्रशासन के साथ कोआर्डिनेट कर रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि मंत्रालय ने रूसी दूतावास के अधिकारियों से बात की है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मामले की जांच की मांग की
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह अलवर ने शव वापस लाने के लिए केंद्र से हस्तक्षेप करने और मामले की जांच की मांग की। उन्होंने कहा, “आज अजीत का शव नदी में मिलने की खबर बेहद चौंकाने वाली है। अलवर परिवार के लिए यह बेहद दुख की घड़ी है, हमने एक होनहार बच्चे को संदिग्ध परिस्थितियों में खो दिया है।”
उन्होंने आगे कहा: “भारत सरकार और विदेश मंत्री एस जयशंकर से अनुरोध है कि अजीत का पार्थिव शरीर तुरंत भारत लाया जाए। बच्चे के साथ संदिग्ध परिस्थितियों में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है, इसकी पूरी गंभीरता से जांच होनी चाहिए। परिवार को अब आपके कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने चाहिए।”
